Kuchaman news: कुचामनसिटी. शहर के स्टेशन रोड़़ पर स्थित कुचामनवैली के पूर्वी छोर पर भामाशाह राजकुमार माथुर ने अपनी निजी जमीन पर निजी खर्च से एक कृत्रिम झील तैयार कर दी है। जो पूरे प्रदेश में वाटर हार्वेस्टिंग का सबसे बड़ा उदाहरण है। करीब 25 बीघा में 30 फीट गहरी इस झील में वर्षा के समय पानी का भराव होता है, जिससे वर्षपर्यन्त यहां पानी का स्टोरेज रहता है।
इस झील से क्षेत्र में विचरण करने वाले पशुओं के साथ-साथ करीब साढ़े 3 सौ बीघा की आवासीय कॉलोनी में भी पेड़ पौधों की सिंचाई की जाती है। खास बात यह भी है कि इस झील में पानी पहुंचाने के लिए करीब 2 किलोमीटर लंबी केनाल भी बनाई गई है, जिससे इस झील में पानी की आवक होती है।
Kuchaman news: इसी झील में एकत्रित वर्षा के मीठे पानी से कुचामन वैली में लगाए गए करीब 5 हजार पेड़-पौधों में सिंचाई की जाती है। जिससे क्षेत्र में एक ओर जहां हरियाळी को बढ़ावा मिल रहा है वहीं दूसरी ओर भूगर्भ में जलस्तर को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।
झील बनाने के बाद जलस्तर बढ़ा
कुछ समय पहले तक कुचामन वैली और इसके आस-पास के क्षेत्र में जलस्तर नीचे चला गया था और आस-पास की भूमि बंजर हो गई थी। जिसके बाद भामाशाह राजकुमार माथुर ने कृत्रिम झील बनाने का बीड़ा उठाया। खुदाई शुरू करवा कर इस झील का निर्माण करवाया गया। इसके बाद इस क्षेत्र में जलस्तर भी बढ़़ा है। झील का निर्माण करवाने के बाद क्षेत्र की सबसे बड़ी आवासीय कॉलोनी में सम्पूर्ण बारिश का पानी भी कैनाल के माध्यम से इसी झील में पहुंचाया जाता है। इसके अलावा भी आस-पास के क्षेत्र का पानी इस झील में पहुंचता है।
हरियाळी से आच्छादित है वैली का परिसर
कुचामन वैली में हर साल औसतन 500 पौधे लगाए जाते हैं। इनमें से करीब 3 हजार पेड़ विकसित हो चुके हैं। इस वर्ष भी माथुर ने अपने निजी खर्च से करीब 15 सौ पौधे वैली परिसर में लगवाए हैं। वैली के एमडी एस पी श्रीमाली, दिनेश माथुर और सतपालसिंह समेत कई लोग ग्रीनमेन बनकर कार्य कर रहे है। इन सभी पौधों में इसी कृत्रिम झील के पानी से सिंचाई भी की जाती है। इसके अलावा वैली में ही एक पानी का पौंड भी बनवाया गया है, जहां चारों तरफ पाथ वे भी बना हुआ है। पूरी वैली को कवर्ड किया गया है और कैम्पस में ही बैंक, स्कूल जैसी सभी सुविधा मुहैया करवाई गई है।
रीको और कई दर्शनीय स्थल भी
Kuchaman news: इस झील के आस-पास औद्योगिक क्षेत्र प्रस्तावित होने के साथ-साथ कई दर्शनीय और रमणीक स्थल भी है। जहां लोग बारिश के मौसम में पिकनिक मनाने और घूमने के लिए पहुंचते है। पौंड में नौकायन भी शुरू किया गया है। वैली परिसर में स्थित साईं मंदिर और नवग्रह मंदिर के साथ ही स्वरुपली डूंगरी पर स्थित शाकम्भरी माता का मंदिर है। इसी क्षेत्र में सबसे बड़ा शॉपिंग मॉल् भी है। जिससे इस क्षेत्र की सुंदरता में चार चांद लग जाते हैं। वैली परिसर में ही कुचामन की सबसे ऊंची 9 मंजिला इमारतें भी है।
रीको इण्डस्ट्रीयल एरिया बनेगा बिजनस का नया हब
सरकार की ओर से नावां और कुचामन में रीको इण्डस्ट्रीयल एरिया भी विकसित किया जा रहा है। जिसमें कुचामन में शाकम्भरी माता मंदिर से कुचामन वैली के पीछे तक का हिस्सा पनवाड़ी रीको एरिया और पदमपुरा रीको एरिया करीब 320 बीघा भूमि पर प्र्रस्तावित है। यही कारण है कि स्टेशन रोड़ क्षेत्र में एक तरफ जमीनों के भाव आसमान छू रहे हैं वहीं दूसरी आम जन भी इस क्षेत्र में इंवेस्टमेंट कर रहे हैं।
राज्य मंत्री करेंगे पौधारोपण
राजस्व राज्य मंत्री और नावां विधायक विजयसिंह चौधरी 20 अगस्त को सुबह 11 बजे से कुचामन वैली के वाटर पौंड पर पौधे लगाकर 15 सौ पौधे लगाने के लक्ष्य को पूर्ण करेंगे। इस मौके पर शहर के कई गणमान्य नागरिक और वैली के लोग मौजूद रहेंगे। वैली में इस साल अब तक 12 सौ पौधे लगाए जा चुके है। अब 20 अगस्त को 3 सौ पौधे लगाए जाएंगे।