कुचामन सिटी. शहर के खान मोहल्ले में स्थित भगवान नृसिंह मंदिर में आज नृसिंह जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ सुबह से ही मंदिर में दर्शन करने पहुंच रही है।

इसी दिन भगवान विष्णु ने नृसिंह अवतार लेकर दैत्यराज हिरण्यकश्यपु का वध किया था और भक्त प्रह्लाद की रक्षा की थी।


करीब 200 वर्ष पुराना यह मंदिर कुचामन की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। मंदिर का निर्माण वर्ष 1831 में सेठ रामधनदास मापावाला ने एक संत की प्रेरणा से करवाया था। बताया जाता है कि इसका निर्माण कार्य लगभग 50 वर्षों में पूर्ण हुआ था। मंदिर की भव्यता और स्थापत्य कला आज भी लोगों को आकर्षित करती है।
मंदिर में भगवान नृसिंह के साथ भगवान शिव और भगवान गणेश की प्रतिमाएं भी स्थापित हैं, जिनकी नियमित पूजा-अर्चना की जाती है। मंदिर ट्रस्टी डॉ. नटवर गोपाल मापावाला और गणपत खीचड़ ने बताया कि मंदिर के निर्माण का निर्णय संत गोपालदास और वृंदावनदास की प्रेरणा से लिया गया था, जो उस समय कुचामन फोर्ट की तलहटी में निवास करते थे।
आज भी मंदिर परिसर में मापावाला परिवार की छतरियां, संतों के पगले और दीवारों पर लिखा गया इतिहास मौजूद है। ये सभी वस्तुएं मंदिर की ऐतिहासिकता को दर्शाती हैं और लोगों को विशेष रूप से आकर्षित करती हैं।
हर वर्ष की तरह इस बार भी नृसिंह जयंती पर मंदिर में विशेष आयोजन किए जा रहे हैं। भक्तजन इस अवसर पर धार्मिक अनुष्ठानों में भाग ले रहे हैं और नगर में भक्ति का वातावरण बना हुआ है।
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