Tuesday, December 3, 2024
Homeकुचामनसिटीकुचामन न्यूज़: डॉक्टर की लापरवाही: महिला के पेट में छोड़ा कपड़ा, तीन...

कुचामन न्यूज़: डॉक्टर की लापरवाही: महिला के पेट में छोड़ा कपड़ा, तीन महीने तक तड़पती रही

- विज्ञापन -image description

कुचामन न्यूज़: कुचामन सिटी में एक चौंकाने वाला और गंभीर चिकित्सा लापरवाही के मामले में कुचामन सिटी के सरकारी अस्पताल के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. हरेंद्र नेत्रा और उनकी टीम के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है।

- विज्ञापन -image description

आरोप है कि उन्होंने सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान महिला के पेट में एक बड़ा मेडिकल कपड़ा (गॉज) छोड़ दिया था। जो तीन महीने तक उसकी आंतों में पड़ा रहा। इस लापरवाही के कारण महिला की स्वास्थ्य स्थिति गंभीर हो गई। और उसे दोबारा ऑपरेशन कराना पड़ा।

- Advertisement -image description

यह भी पढ़ें:-कुचामन न्यूज़: ऑपरेशन के दौरान महिला की मौत: कुमावत समाज का धरना जारी

जानकारी के अनुसार- पीड़िता के पति पवन कुमार ने शिकायत में बताया कि उनकी पत्नी को 1 जुलाई 2024 को प्रसव पीड़ा के कारण कुचामन सिटी के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसी दिन सिजेरियन ऑपरेशन के माध्यम से बच्चे का जन्म हुआ।

ऑपरेशन के बाद डॉक्टरों ने उन्हें बताया कि बच्चा और मां दोनों स्वस्थ हैं। लेकिन ऑपरेशन के बाद महिला को पेट में असहनीय दर्द होने लगा। डॉक्टरों ने इसे सामान्य प्रसवोत्तर दर्द बताया और 10 जुलाई को अस्पताल से छुट्टी दे दी। हालांकि छुट्टी के बाद भी महिला के पेट में दर्द जारी रहा। कई विशेषज्ञों से परामर्श लेने के बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ।

यह भी पढ़ें:-कुचामन न्यूज़: सुरजीदेवी विद्यालय कार्यक्रम में मंत्री विजयसिंह चौधरी का स्वास्थ्य जागरूकता संदेश

इसके बाद महिला ने एम्स जोधपुर में इलाज करवाने का निर्णय लिया। जहां सर्जरी के दौरान यह चौंकाने वाली सच्चाई सामने आई कि सिजेरियन ऑपरेशन के दौरान डॉक्टर हरेंद्र नेत्रा और उनकी टीम ने एक बड़ा कपड़ा महिला के पेट में छोड़ दिया था। यह कपड़ा तीन महीने तक पेट में पड़ा रहा। जिससे महिला की आंतों को गंभीर क्षति पहुंची और उसकी जान को भी खतरा हो गया।

आंतों में गंभीर क्षति

एम्स जोधपुर में किए गए सर्जरी के बाद पता चला कि कपड़ा पेट में होने के कारण महिला की आंतें तक खराब हो चुकी थीं। इसने आंतों में संक्रमण पैदा कर दिया था, जिससे महिला की स्थिति लगातार बिगड़ रही थी। डॉक्टर्स का कहना है कि यदि इस स्थिति का इलाज समय रहते नहीं किया जाता, तो यह और भी गंभीर हो सकता था, और महिला की जान भी जा सकती थी।

इस मामले के सामने आने के बाद मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) डीडवाना-कुचामन ने मामले की गंभीरता को समझते हुए तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी में डॉ. राजवीर सिंह, डॉ. संदीप और डॉ. गोपाल ढाका को शामिल किया गया है। कमेटी को तीन दिन के भीतर मामले की पूरी जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है।

यह भी पढ़ें:-कुचामन न्यूज़: स्कूली बस हादसा, कुछ विद्यार्थी घायल

कमेटी का उद्देश्य यह तय करना है कि अस्पताल और डॉक्टरों ने किस प्रकार की लापरवाही बरती और पीड़िता को किस प्रकार से नुकसान हुआ। जांच के दौरान पीड़िता और चिकित्सकीय टीम की बातें भी सुनी जाएंगी।

पीड़िता के वकील के बयान

पीड़िता के वकील सरवर खान ने बताया कि उन्होंने इस मामले को मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया और मानवाधिकार आयोग के पास भी उठाया है। वकील का कहना है कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके। वे यह भी चाहते हैं कि मेडिकल काउंसिल और संबंधित अधिकारियों द्वारा मामले की निष्पक्ष जांच की जाए और न्याय सुनिश्चित किया जाए।

यह भी पढ़ें:-कुचामन न्यूज़: कुचामन में सफाई व्यवस्था को लेकर उपसभापति हेमराज चावला ने चिंता व्यक्त की

डॉक्टरों की निगरानी में होगा इलाज

पीड़िता की शारीरिक स्थिति में सुधार नहीं हुआ है। और उन्हें लंबी अवधि तक उपचार की आवश्यकता होगी, तीन महीने तक दर्द सहने के बाद महिला को अब डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। यह घटना चिकित्सा लापरवाही का गंभीर उदाहरण है।

जो अस्पतालों और डॉक्टरों की जिम्मेदारी को उजागर करती है। डॉक्टरों को मरीज की सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए कड़े दिशा-निर्देशों का पालन करना चाहिए। लेकिन इस मामले में स्पष्ट रूप से उनकी लापरवाही ने मरीज की स्थिति को गंभीर बना दिया।

यह भी पढ़ें:-कुचामन न्यूज़: कुचामन सिटी में अवैध अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई

- Advertisement -
image description
IT DEALS HUB
image description
RELATED ARTICLES

1 COMMENT

Comments are closed.

- Advertisment -image description

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!