कहीं मुख्यमंत्री के पास उनकी ‘लाल डायरी’ तो नहीं
हेमन्त जोशी @ कुचामनसिटी। डीडवाना जिला बनने के बावजूद नावां विधायक चुप क्यों है? कहीं मुख्यमंत्री के पास उनकी ‘लाल डायरी’ तो नहीं है। यह चुप्पी उनकी कमजोरी की निशानी है।
शिक्षा नगरी कुचामन को जिला बनाने की मांग पिछले 15 वर्षों से की जा रही थी, लेकिन प्रदेश सरकार ने अचानक डीडवाना को जिला मुख्यालय घोषित कर कुचामनसिटी के साथ अन्याय किया है।
नावां विधानसभा से भाजपा नेता एवं जिला परिषद् सदस्य बाबुलाल कुमावत पलाड़ा ने रविवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि विधायक महेन्द्र चौधरी अत्यन्त घमण्डी एवं आमजन से दूरी रखने वाले जनप्रतिनिधि है।
कुमावत ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस के शासन में नावां विधानसभा क्षेत्र में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। विधायक के रिश्तेदार इस भ्रष्टाचार में लिप्त है। जानकारी मिली है कि इस भ्रष्टाचार की जानकारी मुख्यमंत्री को मिलने के बाद उन्होंने कुचामनसिटी के बजाय डीडवाना को तरजीह दी तथा जिला मुख्यालय डीडवाना घोषित कर दिया।
कुचामनसिटी की जनता के साथ हुए इस अन्याय का विरोध करने का दायित्व विधायक महेन्द्र चौधरी का भी बनता है। चौधरी का फर्ज है कि वे राज्य सरकार तक अपना विरोध दर्ज कराए। मीडिया के सामने आकर खुलकर बोले। लेकिन वे अपना स्टेटमेंट देने के बजाय अब भी जनता को बरगला रहे है।
विधायक चौधरी कह रहे है कि डीडवाना तो अभी अस्थाई जिला बना है, स्थाई जिला तो कुचामनसिटी ही बनेगा लेकिन उन्हें यह मालूम नहीं कि डीडवाना में 7 अगस्त 2023 सोमवार को जिला स्थापना समारोह है, जिसमें उन्हें भी (महेन्द्र चौधरी को भी) बतौर अतिथि आमन्त्रित किया गया है।
कुमावत ने विधायक की चुप्पी पर चुटकी लेते हुए कहा कि कहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के पास नावां विधायक चौधरी की कोई ‘लाल डायरी’ तो नहीं है, जिससे डरकर वे चुप बैठै है। उन्होंने कहा कि विधायक महेन्द्र चौधरी यह कह रहे है कि भाजपा नेताओं को जनता सबक सिखाएगी, हां निश्चित रूप से जनता सबक सिखाएगी लेकिन भाजपा प्रत्याशी को नहीं वरन् कांग्रेस प्रत्याशी को।
भाजपा से भले ही टिकट के दावेदार कई है। लेकिन हम सब एकजुट है। हमारे में किसी भी प्रकार का मनभेद नहीं है। कुमावत ने कहा कि विधायक महेन्द्र चौधरी अब भी भ्रष्टाचार पर लगाम कसे तथा नगर परिषद् कुचामनसिटी, नावां खारड़ा क्षेत्र में ट्यूबवैल खुदाई सहित अन्य सरकारी स्थानों पर भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाए।
कुमावत ने कहा कि नावां विधायक महेन्द्र चौधरी कह रहे है कि डीडवाना विधायक 40 हजार वोटों से विजयी हुए है और वे 2500 वोटों से। कम अन्तर के कारण वे अपनी बात मुख्यमंत्री के समक्ष मजबूती से नहीं रख पाते है तो हम उनसे यह कहना चाहते है कि मतों का अन्तर लोगों का दिल जीतने से बढ़ता है ना कि डरा-धमकाकर आमजनता को मालाएं पहनाने से। विधायक महेन्द्र चौधरी सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए लोगों को कांग्रेस के दुपट्टे पहना रहे है।
जिसका जवाब उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में अवश्य मिलेगा। पलाड़ा ने कहा कि भाजपा के भीष्म पितामह हरीशचन्द्र कुमावत जब तक जिन्दा थे, तब तक विपरीत परिस्थितियों में भी डीडवाना को जिला नहीं बनने दिया और उनके निधन के बाद डीडवाना जिला बन गया, यह देखकर कुमावत की दिवंगत आत्मा भी दु:खी हो रही होगी।