डॉक्टर रामावतार शर्मा @ जयपुर । मनुष्य जाति के हर सदस्य के लिए हार्ट अटैक एक ऐसी घटना है, जिसको लेकर प्रत्येक व्यक्ति हर समय कहीं न कहीं भयभीत सा रहता है। हृदय और रक्त संचार तंत्र की बीमारियों की वजह से दुनिया में सर्वाधिक लोगों की मृत्यु होती है खासकर यकायक मृत्यु का ये रोग सबसे बड़ा कारण हैं।
इन रोगों में पचास प्रतिशत मृत्यु उच्च रक्तचाप की कारण होती हैं और उच्च रक्तचाप के अधिकतर पीड़ित व्यक्तियों को इस बीमारी के उनके शरीर उपस्थित होने का पता तक नहीं होता है खास कर युवा लोग यह मानकर चलते हैं कि वे अभी उम्र में इतने छोटे हैं कि उनके बीपी का रोग हो ही नहीं सकता। हार्ट अटैक और लकवे जैसी घटनाएं रोकी जा सकती हैं यदि बीपी को नियंत्रित रखा जाए।
सावधानी के तौर पर 15 वर्ष की उम्र के बाद हर पांच साल में एक बार बीपी की जांच जरूर करवानी चाहिए और 35 वर्ष के बाद हर वर्ष एक बार जांच करवानी चाहिए।
यहां यह जानना महत्वपूर्ण है कि बीपी को लेकर मानसिक रूप से भयभीत भी नहीं होना चाहिए क्योंकि देखा गया है कि कुछ लोग रोजाना या यहां तक कि दिन में दो तीन बार बीपी देखने लगते हैं। यह एक तरह का मनोविकार हो जाता है जिसके बाहर निकलना बड़ा मुश्किल होता है। जागरूक होने और भयभीत होने के अंतर को समझना चाहिए।
अनुवांशिक और जीवनशैली है मुख्य कारण
उच्च रक्तचाप होने के कई कारण होते हैं परंतु आनुवांशिकता और जीवनशैली दो प्रमुख कारण होते हैं। जीवनशैली तो आजकल तकरीबन हर व्यक्ति की गड़बड़ा गई है। वस्तुओं के पीछे भागता मनुष्य कितना दयनीय दिखाई दे रहा है इस तथ्य को देखनेवाले भी बिरले ही बचे हैं बाकी सब आपाधापी और अहंकार में लिपटे पुतले नजर आ रहे हैं। बचीखुची कसर राजनीतिक और धार्मिक विद्वेष और घृणा ने पूरी कर दी है।
आर्थिक कठिनाइयों और महंगाई पर हालांकि लोग बोल नहीं रहें हैं पर ये दोनों लोगों के स्वास्थ्य को घुण की तरह नष्ट कर रही हैं। घरों में व्याप्त विषाद और आपसी क्लेश आग में घी का काम कर रहा है। ऐसे माहौल में आपका शरीर किन किन स्थितियों से निपट पाएगा इस बाबत आपको विवेचना तो करनी होगी।
उच्च रक्तचाप का निदान होने पर उसका नियमित इलाज अवश्य करवाना चाहिए और जहां तक संभव तो किसी एक ही अनुभवी चिकित्सक के मार्गदर्शन में इलाज, जांच या कोई विशेषज्ञ राय लेनी चाहिए वरना आप चक्रव्यूह में फस सकते हैं। यदि कोई विशेष कारण नहीं हो तो एक ही तरह की दवा का जीवनपर्यंत सेवन करना चाहिए क्योंकि बार बार दवा बदलना जानलेवा हो सकता है। व्हाट्सएप पर फैलाए जा रहे स्वास्थ्य ज्ञान से दूर रहना आपके लिए जीवनरक्षक हो सकता है।
असामयिक या अचानक मृत्यु से बचाव करना है तो जीवन की तीन आधारभूत आवश्यकताओं – रहने को मकान, खाने को संतुलित भोजन और पहनने को कुछ वस्त्र – की पूर्ति के बाद जीवन की छोटी छोटी बातों का आनंद लेने की स्थिति में पहुंच जाना चाहिए। फॉर्च्यूनर एसयूवी और अत्यधिक महंगी मोटरसाइकिल पर बैठे कितने लोगों के चेहरे पर आपने निश्चल हंसी देखी है ?
जीवन का उद्देश्य मरीचिकाओं के पीछे बेतहाशा भागना नहीं बल्कि किसी पेड़ की छाया में आंखें बंद कर हवा की सरसराहट और चिड़िया की चहक को सुनना अनुभव करना होता है, हर तरफ फैले जीवन को देखना समझना होता है, जाने से पहले कुछ वापस करना होता है।