नवरात्र में हाथी पर सवार होकर आएगी मां शक्ति
भक्तों के धन धान्य से भरेंगे भंडार
अरुण जोशी @ नावां शहर। मां शक्ति की आराधना का पर्व नवरात्र महोत्सव 15 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। नौ दिवसीय मां शक्ति की भक्ति व आराधना के तहत अलग अलग देवी की पूजा अर्चना की जाएगी। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गई है।
विश्व विख्यात खारे पानी की सांभर झील के मध्य स्थित मां शाकंभरी के मंदिर में नवरात्र महोत्सव के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया जाता है। नियमित माता का नयनाभिराम श्रृंगार किया जाता है। पंडित कल्याण सहाय ने बताया की विभिन्न हिंदू पंचांग के अनुसार इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की उदया प्रतिपदा तिथि 15 अक्टूबर से शुरू होगी। हालांकि प्रतिप्रदा 14 अक्टूबर को रात 11 बजकर 24 मिनट से लग जाएगी, जो 16 अक्टूबर की सुबह 01 बजकर 13 मिनट तक रहेगी।
अन्न धन का भंडार बढ़ेगा
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्याण सहाय पांचोता ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आएगी। नवरात्रि में जब मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आती है तो यह बेहद शुभ माना जाता है। हाथी पर सवार होकर मां दुर्गा अपने साथ ढेर सारी खुशियां और सुख समृद्धि लेकर आती है। मां का वाहन हाथी ज्ञान व समृद्धि का प्रतीक है। यह तो हम सभी जानते हैं कि माता दुर्गा की सवारी सिंह यानी शेर है लेकिन नवरात्रि के दौरान माता की सवारी बदल जाती है।
प्रत्येक वर्ष मां भगवती एक विशेष वाहन पर सवार होकर अपने भक्तों की प्रार्थना सुनने आती है। इन वाहनों का अपना अपना महत्व होता है। माता की सवारी में डोली, वाहन, घोड़ा, भैंसा, मनुष्य और हाथी शामिल हैं। इस वर्ष नवरात्रि रविवार के दिन शुरू हो रहा है। ऐसे में इस वर्ष माता का वाहन हाथी होगा। 23 अक्टूबर मंगलवार को नवरात्रि समाप्त होगी। वहीं 24 अक्टूबर को विजयादशमी दशहरा का पर्व मनाया जाएगा। नौ स्वरूपों की पूजन नवरात्रि पर्व के नौ दिनों में मां भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है।