कुचामन सिटी स्थित भारतीय संगीत सदन में 23 जून को समर कैंप का भव्य समापन समारोह आयोजित हुआ। इस अवसर पर प्रतिभागी बच्चों ने अपनी 40 दिन की मेहनत का जीवंत प्रदर्शन करते हुए दर्शकों का मन मोह लिया।

इस समर कैंप में बच्चों को विभिन्न कलात्मक विधाओं में प्रशिक्षण देकर अलग-अलग ग्रुपों में विभाजित किया गया था, जिनमें प्रत्येक समूह ने मंच पर अपने हुनर का उम्दा प्रदर्शन किया।


एक ओर जहां पारंपरिक कथक समूह की बच्चियों ने सजीव ताल और भाव-भंगिमा के साथ तबले की संगत पर लाजवाब प्रस्तुति दी।

वहीं दूसरी ओर एक समूह की बच्चियों ने जींस और शर्ट जैसे मॉडर्न परिधानों में डांस प्रस्तुत कर समां बांध दिया। यह दृश्य दर्शकों के लिए एक अनोखा अनुभव था, जिसमें परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम देखने को मिला।
सभी कथक प्रस्तुति देने वाली बच्चियों ने एक जैसी पारंपरिक वेशभूषा पहन रखी थी, जिससे मंच पर प्रस्तुतियों में एकरूपता और सांस्कृतिक सौंदर्य झलक रहा था। वहीं मॉडर्न डांस करने वाली बच्चियों ने आत्मविश्वास और जोश के साथ अपनी प्रस्तुति दी, जिससे मंच पर कला की विविधता की छाप स्पष्ट नजर आई।
इसके अलावा, भजन गायन समूह ने भी विशेष प्रस्तुति दी। इस समूह के बच्चों ने भगवान कृष्ण, श्याम बाबा और हनुमानजी पर भक्तिपूर्ण भजन प्रस्तुत किए। “वीर हनुमाना अति बलवाना” जैसे भजनों ने समापन समारोह को आध्यात्मिक ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया।
मंच पर अपने बच्चों को आत्मविश्वास से प्रस्तुति देते देख अभिभावकों के चेहरे खुशी और गर्व से दमक उठे। कई अभिभावक भावुक हो गए और तालियों की गड़गड़ाहट के साथ अपने बच्चों का उत्साहवर्धन किया।
संस्थान के प्रशिक्षकों ने बताया कि यह समर कैंप सिर्फ एक प्रशिक्षण कार्यक्रम नहीं, बल्कि बच्चों के आत्मविश्वास, कला और व्यक्तित्व विकास की एक संपूर्ण यात्रा थी।
कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया गया।
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