
कुचामन न्यूज: पिता की मौत के बाद बेटियों ने न केवल घर की जिम्मेदारी संभाली बल्कि समाज की पुरानी मान्यताओं को तोड़ते हुए अपने कंधों पर उनका अंतिम संस्कार करने के बाद पगड़ी बांधकर दायित्व भी उठाया है।

कुमावत मोहल्ले के रहने वाले जगदीश कुमावत, जो पेशे से एक पेंटर थे, की गणेश डूंगरी पर कार्य करते समय अडान से गिरने से मौत हो गई। इस दुखद घटना ने पूरे शहर को झकझोर कर रख दिया।


पिता की मृत्यु के बाद बेटियां प्रियंका और अशुंल ने साहस और दृढ़ संकल्प का परिचय देते हुए समाज की रूढ़ियों को तोड़ दिया। जहां आमतौर पर बेटे पिता की अंतिम यात्रा में कंधा देते हैं, वहीं इन बहादुर बेटियों ने अपनी जिम्मेदारी को समझते हुए अपने पिता की अर्थी को कंधा दिया और अंतिम संस्कार की सारी रस्में पूरी कीं।
इस दौरान प्रियंका ने अपने सिर पर पारंपरिक राजस्थानी पगड़ी भी बांधी, जो इस बात का प्रतीक था कि अब वह अपने परिवार की जिम्मेदारी संभालेंगी। यह क्षण न केवल भावनात्मक था, बल्कि समाज को यह संदेश भी दे गया कि बेटियां किसी से कम नहीं होतीं।
जगदीश कुमावत कुचामन के जाने-माने पेंटर थे, उनकी असमय मृत्यु से पूरे शहर में शोक की लहर दौड़ गई। लेकिन उनकी बेटियों के इस साहसिक कदम ने सभी को प्रेरित किया। अंतिम यात्रा में शामिल हुए लोगों ने बेटियों की इस हिम्मत को सराहा और उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखा।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बेटियां केवल जिम्मेदारी उठाने के लिए ही नहीं, बल्कि हर सामाजिक बंधन को तोड़ने के लिए भी सक्षम हैं।
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