Kuchaman News: कुचामनसिटी. कुचामन शहर में जलझूलनी एकदशी पर शनिवार को ढोल नगाड़ों के साथ रेवाड़िया निकाली गई। कई जगह मंदिरों में ही ठाकुरजी को जलविहार कराया गया।
पण्डित छोटूलाल शर्मा ने बताया कि कुचामन गढ़ में सभी मंदिरों से ठाकुर जी को गाजे बाजे के साथ लाए गए। जहां एक जगह पर विराजमान किया गया जहां पर श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन किए गए। पुजारियों ने ठाकुर जी को जलविहार कराया।
इस दौरान रामदेवजी का मन्दिर, रामलला मंदिर, सत्यानाराण मंदिर, कामदारों का मन्दिर, श्री विश्वकर्मा मंदिर, जोशियों का मंदिर, चारभुजा मंदिर, रघुनाथ जी का मंदिर, पिपली वाले बालाजी मंदिर और अन्य देवालयों स्थानों पर जलझूलनी एकादशी मनाई गई। ढोल नगाड़ों से रेवाड़ी निकाली गई ओर रेवाड़ी के साथ चलने वाले लोगों ने शहर को चहुओर गुंजा हाथी घोड़ा पालकी जय कन्हैया लाल की से गुंजा दिया। जिसमें लोग छोटे बच्चों शिशुओं को रेवाड़ी के नीचे से निकाल करश्रीफल चढ़ाकर घर परिवार में खुशहाली की कामना की।
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इस दौरान ठाकुरजी को जलविहार करवाने के साथ
गणमान्य नागरिकों ने सभी देवपालकियों की सामूहिक महाआरती की व श्रद्धालुओं को पंजिरी का प्रसाद वितरण किया गया।
वर्षो पुरानी है परंपरा
जलझूलनी एकादशी पर ढोल नगाड़ों के साथ शहर के लगभग सभी मंदिरों मे से ठाकुरजी को जलविहार के लिए कुचामन किले में राजा महाराजा के समय से ही लाया जा रहा है। यह परंपरा निरंतर चली आ रही है। यहां सारी व्यवस्था कुचामन किले के द्वारा की जाती है।