Friday, November 1, 2024
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सांभर साल्ट ही खुद झील में कर रहा अवैध दोहन और अतिक्रमण

सांभर साल्ट भी झील का बिगाड़ रहा सौंदर्य

सांभर साल्ट ही झील पर कर रहा अवैध अतिक्रमण

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प्रशासन की कार्रवाई केवल निजी नमक उत्पादकों पर, सांभर साल्ट के अतिक्रमण पर नहीं होती कार्रवाई

अरुण जोशी @ नावां शहर। विश्व विख्यात व रामसर साइट के तहत हमारी ऐतिहासिक धरोहर वैटलेण्ड सांभर झील के संरक्षण की दरकार है।

निजी नमक उत्पादकों के साथ ही जिस सांभर साल्ट कम्पनी को झील के देखरेख की जिम्मेदारी दी गई थी वह भी इस पर अतिक्रमण करने के लिए प्रयासरत है।

सांभर झील का दायरा काफी सिकुड गया है जिसका कारण यह है कि वैटलेण्ड, रामसर साइड व डार्क जोन का हवाला देकर अवैध बोरवेल रूकवाने की कार्रवाई करने वाली खुद सांभर साल्ट लिमिटेड ने ही झील व उसके आस पास की सरकारी सिवायचक भूमि पर अवैध रूप से नमक उत्पादन इकाईयां व रिफाइनरी स्थापित कर ली है।
कई वर्षो से लगातार सांभर साल्ट लिमिटेड झील पर अवैध रूप से अतिक्रमण कर रहा है। नमक उद्यमियों की ओर से सांभर साल्ट का विरोध किए जाने पर वहां के अधिकारी निजी नमक उत्पादकों को ही चोर बताकर खुद का कत्य छुपाने का प्रयास करते आ रहे है। प्रशासन की ओर से कार्रवाई केवल निजी नमक उत्पादकों पर ही की जाती है। 

वर्षो पुराने क्यार बन्द लेकिन झील पर अतिक्रमण हेतु नए बनाने की ताक-

सांभर साल्ट नावां में अंग्रेजों के जमाने से साठ क्यार बने हुए हैं। सभी क्यार पिचिंग, चार्जिंग, डिसचार्जिंग चेनल, विद्युत कनेक्षन, कंडन्सर एरिया, ब्राइन व अन्य सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद सांभर साल्ट सभी क्यार से नमक उत्पादन करने में असक्षम है। जिसका परिणाम है कि तीस से अधिक क्यार कई वर्षो से बन्द पडे हुए है।

सांभर साल्ट यह क्यार चलाने में असमर्थ होने के बावजूद झील क्षेत्र में अवैध अतिक्रमण करने के उद्देश्य से नए क्यार हेतु टैण्डर कर रही है। इन नए सैंकड़ों बीद्या भूमि में बने क्यार को चलाने के लिए झील में दर्जनों बोरवेल भी करवाने पड़ेंगे।

सिवायचक भूमि पर खड़ी कर दी बीस करोड़ की रिफाइनरी-

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सन 2017 में नागौर जिला कलेक्टर की रोक के बावजूद सांभर साल्ट लिमिटेड की ओर से सिचायचक भूमि पर करीब बीस करोड़ की लागत से नमक रिफाइनरी बना दी गई। तत्कालीन जिला कलेक्टर कुमार पाल गौतम की ओर से इस रिफाइनरी को सीज करने के आदेश जारी किए गए थे। लेकिन प्रशासन की उदासीनता के कारण मौके पर रिफाइनरी का कार्य कभी भी बन्द नहीं हुआ। परिणाम है कि आज नमक रिफाइनरी संचालित है तथा प्रशासन की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।

केवल निजी नमक उत्पादकों पर कार्रवाई का डंडा-

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स्थानीय प्रशासन की ओर से हर बार केवल निजी नमक उत्पादकों के बोरवेल व अतिक्रमण पर कार्रवाई की जाती है। लेकिन सांभर साल्ट को अनदेखा किया जाता है। प्रशासन की ओर से वर्ष २०२२-२३ में एतिहासिक कार्रवाई की गई। विगत दस सालों पर प्रशासन की ओर से इतनी बड़ी कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया गया। जिसके चलते यहां के नमक उद्यमियों को लाखों रुपए का नुकसान उठाना पड़ा।

वर्ष 2022- 23 में की गई कार्रवाई

  1. बोरवेल नष्ट किए गए- 640
  2. समर्सिबल पम्प जब्त किए गए- 286
  3. अतिक्रमण हटाया गया- 57.54 हैक्टेयर
  4. केबल जब्त की गई- 12550 मीटर
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