कुचामन सिटी. अल्पसंख्यक मामलात विभाग, जयपुर के तकनीकी सलाहकार गज सिंह मीणा ने बुधवार को कुचामन सिटी का दौरा किया।

उनके साथ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी नागौर, गोपाल जीनगर भी मौजूद रहे। इस दौरान दोनों अधिकारियों ने क्षेत्र के विभिन्न पंजीकृत मदरसों का औचक निरीक्षण किया और मदरसा आधुनिकीकरण योजना के क्रियान्वयन की समीक्षा की।


मदरसों का औचक निरीक्षण
निरीक्षण के दौरान मदरसा दारुल उलूम गरीब नवाज (लुहारिया बास), ग्रामीण मदरसा इस्लामिया नूरानी मस्जिद (पांचवां), तथा अंजुमन इस्लामिया (गुढ़ा साल्ट) का दौरा किया गया। ब्लॉक कॉर्डिनेटर खालिद खान, शिक्षा अनुदेशक इकबाल खान व रमजान खान ने अधिकारियों को वर्तमान स्थिति से अवगत कराया।
इस अवसर पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी गोपाल जीनगर ने शिक्षा अनुदेशकों को निर्देश दिए कि वे छात्र नामांकन बढ़ाने के प्रयास करें, ताकि अल्पसंख्यक बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के अधिक अवसर मिल सकें। वहीं, तकनीकी सलाहकार गज सिंह मीणा ने केंद्र एवं राज्य सरकार की ओर से अल्पसंख्यक समुदाय के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं की जानकारी भी दी।

निर्माणाधीन बालिका छात्रावास का निरीक्षण
दौरे के दौरान अधिकारियों ने कुचामन सिटी में निर्माणाधीन राजकीय अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास का निरीक्षण किया।
तकनीकी सलाहकार गज सिंह मीणा ने छात्रावास निर्माण कार्य की सराहना करते हुए कहा कि, “यह भवन न केवल गुणवत्तापूर्ण तरीके से बन रहा है, बल्कि भविष्य में यह प्रदेश के लिए एक मॉडल छात्रावास के रूप में सामने आएगा।”
निरीक्षण के समय सहायक अभियंता एवं निर्माण कार्य से जुड़े ठेकेदार भी उपस्थित रहे, जिनसे भवन निर्माण की प्रगति और तकनीकी जानकारी ली गई। अधिकारियों ने समयबद्ध और गुणवत्ता-युक्त कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
प्रस्ताव आमंत्रित – जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी गोपाल जीनगर ने बताया कि प्रदेश सरकार की मदरसा आधुनिकीकरण योजना के अंतर्गत कुचामन क्षेत्र के मदरसों से नए प्रस्ताव आमंत्रित किए गए हैं। पात्र पाए जाने पर ऐसे मदरसों को योजना में शामिल कर आवश्यक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।
छात्रावास में प्रवेश प्रक्रिया जारी – गोपाल जीनगर ने जानकारी दी कि कुचामन सिटी में संचालित राजकीय अल्पसंख्यक बालिका छात्रावास में वर्तमान में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। कक्षा 9वीं व इससे ऊपर की कक्षाओं में अध्ययनरत अल्पसंख्यक छात्राएं आवेदन कर सकती हैं।
उन्होंने अल्पसंख्यक समाज के अभिभावकों से अपील की कि वे अपनी बालिकाओं को सुरक्षित एवं सुविधा-युक्त छात्रावास में शिक्षा प्राप्त करने हेतु प्रेरित करें।