कुचामन सिटी. मुहर्रम पर्व के तीसरे दिन कुचामन में मंगलवार को पारंपरिक श्रद्धा और अकीदत के साथ फूल-प्याला पर्व मनाया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर से आए हज़ारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में तीन अलग-अलग स्थानों से फूल-प्याला जुलूस निकाले गए।

जुलूस में शामिल ढोल और ताशा पार्टियों की मातमी धुनों ने माहौल को ग़मगीन बना दिया।


पूरे प्रदेश में मशहूर है कुचामन का फूल-प्याला पर्व
सैकड़ों साल से मनाया जाने वाला कुचामन का फूल-प्याला पर्व पूरे राजस्थान में प्रसिद्ध है। इस पर्व में जिले के साथ-साथ राज्य के कई अन्य ज़िलों से अकीदतमंद कुचामन आते हैं और हज़ारों की तादाद में जुटते हैं। भीड़ की व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस और प्रशासन को खासी मशक्कत करनी पड़ती है।

फूल-प्याला जुलूस का पहला काफिला छीपा मोहल्ला से दोपहर 12 बजे रवाना हुआ, जो व्यापारी मोहल्ला, नया शहर, घाटीकुआं, कामदार मोहल्ला होते हुए दोपहर 2 बजे कालालों की गली पहुंचा। वहीं दूसरा जुलूस मोहल्ला लुहारान से प्रारंभ होकर अम्बेडकर सर्किल, पुराना बस स्टैंड होते हुए पलटन गेट पहुंचा, जहां पहले से चल रहे जुलूस में शामिल हो गया।
इसके बाद दोनों जुलूस ढोल-ताशों की मातमी धुनों के साथ रवाना होकर कालालों की गली के पास सदर बाजार पहुंचे, जहां तीसरे फूल प्याले के संगम के साथ ऐतिहासिक दृश्य देखने को मिला। हज़ारों की भीड़ के बीच फूल प्यालों का संगम हुआ और फिर यह विशाल जुलूस धानमंडी होते हुए घाटीकुआं, छीपा मोहल्ला और खान मोहल्ला स्थित कर्बला पहुंचा, जहां परंपरागत रूप से फूल प्यालों को सैराब किया गया।
प्रदेश भर से उमड़े अकीदतमंद
फूल-प्याला जुलूस में मकराना, परबतसर, डीडवाना, अजमेर, ब्यावर, सीकर, झुंझुनूं, सुजानगढ़, जसवंतगढ़, लाडनूं, रेनवाल, मौलासर, मारोठ, छोटी-बड़ी खाटू, मनाणा, निमोद, लोसल सहित अनेक शहरों से अकीदतमंद पहुंचे। आयोजन समिति के सद्दाम रंगरेज ने बताया कि इस बार जुलूस में क़रीब 35 हज़ार से अधिक अकीदतमंदों ने भागीदारी की।
ढोल-ताशा पार्टियों ने दिखाया हुनर
फूल-प्याला जुलूस की विशेषता रही विभिन्न शहरों से आई ढोल और ताशा पार्टियों की प्रस्तुतियाँ। मातमी धुनों और सधी हुई ताल ने माहौल को संवेदनशील और भावुक बना दिया। जुलूस मार्ग पर जगह-जगह अकीदतमंदों ने पानी, शरबत और अन्य शीतल पेयों की व्यवस्था की।
कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही तैनात
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेमीचंद की निगरानी में फूल-प्याला जुलूस को लेकर शहर में प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम किए गए थे। व्यवस्थाओं के लिए जिले के कई थानों का जाप्ता कुचामन में तैनात किया गया। पुलिसकर्मी जगह-जगह मौजूद रहे। वहीं, ड्रोन कैमरों से पूरे आयोजन की निगरानी की गई। नगर परिषद की ओर से सफाई और यातायात व्यवस्था में सहयोग किया गया।
पुलिस-प्रशासन को कहा ‘शुक्रिया’
शहर की मदरसा इस्लामिया सोसायटी ने जुलूस के समापन पर कुचामन फोर्ट में एक कार्यक्रम आयोजित किया और हर बार की तरह पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की साफा पहनाकर दस्तारबंदी की। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नेमीचंद, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक जिनेंद्र हेंग, वृताधिकारी अरविंद विश्नोई, वृताधिकारी भवानी सिंह, तहसीलदार कैलाश विश्नोई सहित उपस्थित अधिकारियों की दस्तारबंदी मदरसा इस्लामिया सोसायटी की ओर से करवाई गई। इतने विशाल जुलूस को शांतिपूर्वक सम्पन्न करवाने के बाद प्रशासन ने राहत की सांस ली। सोसायटी के सदर मोहम्मद सलीम कुरैशी और सदस्यों ने पुलिस प्रशासन को शांतिपूर्वक आयोजन संपन्न करवाने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया।
फूल-प्याला जुलूस कुचामन की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है, जो हर वर्ष मुहर्रम के तीसरे दिन अकीदत और परंपरा के साथ मनाया जाता है। इस बार भी यह आयोजन श्रद्धा, अनुशासन और भाईचारे की मिसाल बनकर सामने आया।
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