Sunday, July 27, 2025
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झालावाड़ हादसे पर मौन श्रद्धांजलि के साथ कुचामन में संस्था प्रधानों की संगोष्ठी शुरू, राज्य मंत्री बोले – शिक्षक हैं भगवान

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डीडवाना-कुचामन जिले के कुचामन में समस्त राजकीय और निजी प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों की दो दिवसीय वाकपीठ संगोष्ठी का शुभारंभ हुआ। यह आयोजन शहर के स्टेशन रोड स्थित कुचामन महाविद्यालय में किया गया।

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सर्वप्रथम झालावाड़ क्षेत्र के एक राजकीय विद्यालय में हुई दुर्घटना को लेकर उपस्थित सभी लोगों ने 2 मिनट का मौन प्रार्थना की।

दिनेश चौधरी ने बताया कि कुचामन सिटी ब्लॉक के समस्त राजकीय और निजी प्राथमिक विद्यालयों एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों की यह दो दिवसीय वाकपीठ संगोष्ठी है। आयोजन के मुख्य अतिथि राजस्व विभाग के मंत्री विजय सिंह चौधरी रहे। कार्यक्रम का आयोजन कुचामन स्नातकोत्तर महाविद्यालय स्टेशन रोड पर किया गया।

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इस अवसर पर राजस्व मंत्री विजय सिंह चौधरी, मुख्य ब्लॉक शिक्षाधिकारी भंवरलाल खोखर, सीमा महरोलिया, एसीबीईओ द्वितीय रामेश्वरलाल जाट, दिनेश चौधरी, सुरेश सिखवाल, अयूब शेख ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री विजय सिंह चौधरी ने कहा कि संस्था प्रधानों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विद्यार्थियों को देनी चाहिए, जिससे छात्र अपने जीवन में सफल हो सकें एवं अपने परिवार और समाज का नाम रोशन कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षक एक भगवान का रूप है, उसे भगवान की उपाधि दी गई है। बच्चों में इस तरह के संस्कार डालें कि वे कोई भी कदम उठाने से पहले अपने परिवार से सलाह लें।

मंत्री ने शिक्षकों को शिक्षा क्षेत्र में विद्यार्थियों को मिलने वाले लाभों की जानकारी देते हुए कहा कि प्रत्येक विद्यार्थी को अधिक से अधिक शैक्षणिक लाभ दिलाने का प्रयास करें, तभी स्कूलों में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ेगी।

इसके पश्चात एसीबीईओ द्वितीय रामेश्वरलाल जाट ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षक बच्चों पर आवश्यक रूप से ध्यान दें, जिससे उनका भविष्य बेहतर बन सके। साथ ही बोर्ड परीक्षा परिणामों के उन्नयन पर भी शिक्षकों से चर्चा की गई।

कार्यक्रम के दौरान एक प्रधानाध्यापक ने कहा कि मुख्य ब्लॉक शिक्षा कार्यालय में दो जेईएन के पद हैं, लेकिन आज तक किसी ने भी स्कूलों में जाकर निरीक्षण नहीं किया। इस पर मौजूद राजस्व मंत्री ने कहा कि अगर नौकरी करनी है तो स्कूलों में जाकर निरीक्षण करें, और कहीं पर कोई कमी है तो उसका तुरंत समाधान कराया जाए।

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