कुचामन सिटी. गुरु की महिमा को समर्पित गुरु पूर्णिमा पर्व आज पूरे क्षेत्र में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया।
संस्कृत श्लोक “गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णु: गुरुर्देवो महेश्वर:। गुरु: साक्षात् परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नम:।।”
ने इस पर्व के मूल भाव को और भी गहराई से प्रकट किया — गुरु न केवल ज्ञानदाता हैं, बल्कि स्वयं साक्षात परब्रह्म हैं।

हिंदू, बौद्ध, जैन और सिख परंपराओं में गुरु को विशेष स्थान प्राप्त है। भगवान बुद्ध के प्रथम उपदेश से लेकर महावीर स्वामी के प्रथम शिष्य गौतम तक, हर आध्यात्मिक यात्रा की शुरुआत गुरु से ही हुई है।


महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाने वाला यह दिन, उन्हें ‘आदि गुरु’ के रूप में स्मरण करने का अवसर भी देता है – जिनकी रचनाएं वेद, पुराण और महाभारत आज भी भारतीय संस्कृति की धरोहर हैं।
आध्यात्मिक स्थलों पर उमड़ा श्रद्धालुओं का जनसैलाब
कुचामन सिटी सहित आसपास के गांवों और मंदिरों में आज गुरु पूर्णिमा पर्व पर धार्मिक आयोजनों की बहार रही।

सांगलियां धूनी, भादी पीठ, गोपेश्वर महादेव मंदिर, काबरसी कुंड, और अन्य मंदिरों में श्रद्धालुओं ने अपने-अपने गुरुओं को पुष्पमाला अर्पित कर चरणवंदना की।
ग्राम सांगलिया स्थित अखंड तपस्वी स्वामी ओमदास महाराज के सान्निध्य में विशाल भजन-सत्संग समारोह का आयोजन हुआ। इसमें दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे और गुरुदेव को पुष्पमालाएं पहनाकर आरती की। गुरुओं को दक्षिणा अर्पित कर आशीर्वाद प्राप्त किया गया। शिष्यों ने जीवन में गुरु के योगदान को नमन करते हुए भक्ति संगीत और सत्संग के माध्यम से अपनी भावनाएं प्रकट कीं।

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने डीग में की गुरु पूजा, प्रदेश की समृद्धि की कामना
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने आज प्रातः डीग जिले के पूंछरी गांव स्थित सुप्रसिद्ध श्रीनाथ जी मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना कर गुरु परंपरा को नमन किया। मुख्यमंत्री ने श्रीनाथ जी का अभिषेक कर प्रदेशवासियों की समृद्धि, कृषि कल्याण और सामाजिक सौहार्द की कामना की।
इसके पश्चात उनका काफिला भरतपुर जिले के लुधावई गांव पहुंचा, जहां उन्होंने प्राचीन हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना कर आरती में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने महामण्डलेश्वर रामदास महाराज के चरणों में वंदन करते हुए उन्हें श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया। साथ ही मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं के संग भक्तिभावपूर्वक प्रसादी ग्रहण की।
मुख्यमंत्री ने मंदिर में उपस्थित संतों को वस्त्र, शॉल एवं पुष्पमाला भेंट कर आदरपूर्वक सम्मानित किया। साधु-संतों ने भी मुख्यमंत्री को आशीर्वाद देते हुए प्रदेश में सुख, शांति और विकास की कामना की।