
कुचामन न्यूज: जिलिया के जोधपुर आरएसी बटालियन में तैनात दीपक कुमार बावरी 37वर्ष की मौत के बाद राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।

दीपक पिछले चार-पांच वर्षों से लीवर केंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। इनका इलाज जोधपुर के एम्स हॉस्पिटल में चल रहा था। लेकिन बीमारी के आगे अपनी जिंदगी की जंग हार गए।


अपने पैतृक गांव जिलिया में सोमवार को अंतिम संस्कार डीडवाना-कुचामन जिले के प्लाटून कमांडर याकूब खान के नेतृत्व में कांस्टेबल प्रकाशचंद, जीवनसिंह, रामूराम, नेमीचंद, सुभाषचंद आदि जवानों ने अंतिम सलामी दी। इससे पहले कांस्टेबल की उनके घर से शव यात्रा निकली जिसमें सैकड़ो ग्रामीण मौजूद थे।
पिता भी आरएसी में
दीपक की 2008 में आरएसी प्रथम बटालियन में कांस्टेबल पद पर जोधपुर में पद स्थापित हुए थे। उससे पहले उनके पिता रामपाल बावरी भी आरएसी में सूबेदार पद पर थे। वे सेवानिवृत्त हो चुके।
दीपक के एक बेटी (17) और एक बेटा (14) है। गांव व परिवार में इनकी मौत के बाद हर एक की आंखें नम आंसुओं से भर आई। दीपक की मौत के बाद माता-पिता व पत्नी, बच्चों का रो-रो कर बुरा हाल था।
शादी सालगिरह पर बिछड़े हमसफर से
मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को दीपक की शादी की सालगिरह थी। जिसे लेकर परिवार में खुशी का माहौल था। लेकिन यह किस को पता था कि हमसफर की जोड़ी आज ही बिछड़ जाएगी। उनकी मौत के बाद परिवार में दुःखो का पहाड़ टूट गया।
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