
कुचामन न्यूज: डीडवाना-कुचामन जिले के किसान रबी फसलों से निपटकर एक बार फिर खेती-किसानी के कार्यों में जुट गए हैं।

इस समय क्षेत्र के किसान मिट्टी पलटने वाले हल से गहरी जुताई करने में लगे हुए हैं, ताकि बारिश के बाद ज्वार, बाजरा, ग्वार, मूंग-मोठ, चवला, तिल, मूंगफली, काड़ी, मतीरा सहित खरीफ फसलों की बुवाई की जा सके।


कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों में खेतों की गहरी जुताई करने से न केवल खरपतवार और कीटों से छुटकारा मिलता है, बल्कि जमीन की उर्वरता भी बढ़ती है।
कृषक परसराम बुगालिया ने बताया कि क्षेत्र के किसान जौ, गेहूं, सरसों और चने की फसल से निपटकर अब दोबारा खेतों में लग गए हैं। उनका कहना है कि चेत (चैत्र) और वैशाख के महीनों में किसान गहरी जुताई करते हैं। इससे न केवल खरपतवार और कीट नियंत्रित होते हैं, बल्कि कीड़े-मकोड़े व उनके अंडे धूप में आकर नष्ट हो जाते हैं। फसलों के अवशेष भी सड़कर खाद बन जाते हैं। साथ ही, गहरी जुताई से मिट्टी में पानी सोखने की क्षमता बढ़ती है, जिससे नमी बनी रहती है और फसलें स्वस्थ व अधिक उत्पादक होती हैं।
गांव पदमपुरा के किसान बिरमाराम बगड़वा और झूमरमल बिजारणिया का कहना है कि गहरी जुताई से मिट्टी पलटने के कारण फसल उत्पादन में बढ़ोतरी होती है। गांव शिवदानपुरा के किसान मुननाराम महला ने बताया कि गर्मियों में गहरी जुताई से सूर्य की किरणें सीधे मिट्टी पर गिरती हैं, जिससे मिट्टी का तापमान बढ़ता है और कीट-पतंगे नष्ट हो जाते हैं।
गांव हिराणी के किसान कमलकांत डोडवाड़िया ने बताया कि तेज धूप के कारण गहरी जुताई की गई मिट्टी में खरपतवार पूर्ण रूप से नष्ट हो जाते हैं। कीटों के अंडे और पतंगे भी तेज गर्मी में झुलस कर नष्ट हो जाते हैं, जिससे फसलें नुकसान से बच जाती हैं।
कृषि विभाग के अधिकारी भी किसानों को गर्मियों में गहरी जुताई करने की सलाह देते हैं, जिसे फसलों के लिए लाभकारी माना जाता है।
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