
कुचामन सिटी. जैसे-जैसे तकनीकी विस्तार हो रहा है, वैसे-वैसे ठगी के तरीके भी बदलते जा रहे हैं। आम नागरिकों को साइबर अपराध से बचाने के लिए आज कुचामन पुलिस विभाग द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

जिसमें बैंक कर्मचारियों और आम जनता को साइबर फ्रॉड से बचने के उपाय समझाए गए।


कुचामन पुलिस लगातार साइबर क्राइम से जुड़े मामलों में त्वरित कार्रवाई कर रही है। हाल ही में 48 लाख रुपए की ठगी के एक मामले में करेल से आरोपियों को गिरफ्तार कर कुचामन के एक व्यापारी को उसकी राशि वापस दिलवाई गई।
इस सफलता के बाद पुलिस ने एक साइबर जागरूकता अभियान शुरू किया है, जिसके तहत आम लोगों के साथ-साथ बैंक कर्मचारियों को भी साइबर ठगी के नए-नए तरीकों से अवगत कराया जा रहा है और उन्हें सुरक्षा के उपाय बताए जा रहे हैं।
आज कुचामन सिटी. पुलिस थाने में एडिशनल एसपी नेमीचंद खारिया की अध्यक्षता में एक विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में उन्होंने बताया कि जैसे ही एक साइबर ठग को पकड़ा जाता है, वैसे ही बाकी ठग नया तरीका अपनाना शुरू कर देते हैं।
कभी वे ऑनलाइन इंविटेशन कार्ड भेजते हैं, कभी फोटो या वीडियो भेजकर झांसे में लेते हैं, तो कभी कॉन्फ्रेंस कॉलिंग फीचर का इस्तेमाल कर ओटीपी हासिल कर लेते हैं और ठगी को अंजाम देते हैं।
एडिशनल एसपी ने कहा कि लोगों को सबसे पहले किसी भी अज्ञात व्यक्ति के साथ अपना ओटीपी साझा नहीं करना चाहिए। अपने पासवर्ड को मजबूत और यूनिक बनाना चाहिए और समय-समय पर उन्हें बदलते रहना चाहिए। अंजान लिंक्स या संदिग्ध ईमेल पर क्लिक करने से बचना चाहिए।
साथ ही, अपनी व्यक्तिगत जानकारी को पूरी तरह सुरक्षित रखना चाहिए और उसे किसी भी अजनबी के साथ साझा नहीं करना चाहिए। सार्वजनिक वाई-फाई का उपयोग करते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए और अपने मोबाइल व कंप्यूटर के सॉफ्टवेयर को नियमित रूप से अपडेट रखना चाहिए।
साइबर सुरक्षा सॉफ्टवेयर का उपयोग करना चाहिए और उसे भी समय-समय पर अपडेट करते रहना चाहिए। पुलिस का मानना है कि जागरूकता ही साइबर अपराध से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है।
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