Friday, November 7, 2025
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कुचामन सिटी में मातृ एवं शिशु अस्पताल 9 किलोमीटर दूर बनाने में अधिकारियों की मिलीभगत का विरोध

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कुचामन सिटी. में प्रस्तावित मातृ एवं शिशु अस्पताल का निर्माण स्थल विवादों में आ गया है। 

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इस अस्पताल को शहर से लगभग 8 से 9 किलोमीटर दूर कुचामन वैली के पीछे, ग्राम हनुमानपुरा-त्रिसिंगिया की पलाड़ा नदी क्षेत्र एवं गांधी सागर बाँध की तलहटी में बनाए जाने का प्रस्ताव है जिस पर सर्व समाज ने कड़ी आपत्ति जताई है।

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इस संबंध में आमजन ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के नाम ज्ञापन सौंपा, जिसे उपखंड अधिकारी सुनील चौधरी को प्रस्तुत किया गया। ज्ञापन में मांग की गई कि मातृ एवं शिशु विंग का निर्माण वर्तमान जिला अस्पताल परिसर या निर्माणाधीन जिला अस्पताल के साथ ही किया जाए।

ज्ञापन में बताया गया कि प्रस्तावित स्थान अत्यधिक दूरस्थ, नदी व डूब क्षेत्र में स्थित है। वहां न तो कोई मूलभूत सुविधा है और न ही चिकित्सा से जुड़ा आधारभूत ढाँचा। ऐसे में गर्भवती महिलाओं, नवजात शिशुओं और उनके परिजनों को इलाज के लिए वहां पहुँचना अत्यंत कठिन होगा। इससे न केवल समय और संसाधनों की बर्बादी होगी, बल्कि जीवन जोखिम में पड़ सकता है।

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लोगों का कहना है कि वर्तमान जिला अस्पताल शहर के बीचों-बीच स्थित है, जहाँ आसपास कई मेडिकल स्टोर्स और सहायक स्वास्थ्य सेवाएँ मौजूद हैं। वहीं प्रस्तावित स्थल पर इनका अभाव है और हर सुविधा को नए सिरे से विकसित करना होगा।

शहर से 2 किलोमीटर दूर उपलब्ध है 650 बीघा सरकारी भूमि

ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि कस्बे के मुख्य स्टेशन रोड स्थित क्षेत्र में जहाँ अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय के पास ट्रोमा सेंटर की स्वीकृति पहले से है।

वहाँ खसरा नंबर 2388 में 150 बीघा और खसरा नंबर 2389 में 500 बीघा से अधिक सरकारी भूमि उपलब्ध है। यह स्थान कस्बे से मात्र 2 किलोमीटर की दूरी पर है और वहाँ मातृ एवं शिशु विंग का निर्माण कराया जाना जनहित में उपयुक्त रहेगा।

भूमि घोटाले की साज़िश! कुचामन में मातृ-शिशु विंग के नाम पर अधिकारियों ने रची मिलीभगत

ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकार ने कुचामन क्षेत्र में मातृ एवं शिशु विंग निर्माण के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और उपखण्ड अधिकारी को जमीन चिन्हित करने के निर्देश दिए थे। लेकिन दोनों अधिकारियों ने क्षेत्र में भूमि उपलब्ध नहीं होने की गलत जानकारी देकर उच्चाधिकारियों को भ्रमित किया और एक दानदाता से भूमि लेने का प्रस्ताव भेजा।

इसके बाद चिकित्सा अधिकारियों ने कुचामन वैली निदेशक से दानपत्र तैयार करवाने तक की प्रक्रिया में विभाग को गुमराह किया। पूरे मामले में इन अधिकारियों ने आमजन के हितों की अनदेखी कर भू-माफियाओं और निजी भू-स्वामियों से सांठगांठ कर निजी लाभ पहुंचाने का प्रयास किया। अतः इन सभी अधिकारियों की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्यवाही की जाए।

ज्ञापन में यह भी उल्लेख है कि पूर्ववर्ती कांग्रेस शासनकाल में कुचामन में 300 बेड के जिला अस्पताल की स्वीकृति दी गई थी, परंतु वर्तमान में केवल 100 बेड के अस्पताल की नींव रखी गई है, जो जनता के साथ एक प्रकार का छलावा है। जबकि पुराने जिला अस्पताल में पहले से ही 200 बेड स्वीकृत हैं।

मुख्य माँगें…

1. मातृ एवं शिशु विंग का निर्माण वर्तमान जिला अस्पताल में ही हो अथवा निर्माणाधीन जिला अस्पताल के साथ कराया जाए।

2. अस्पताल का निर्माण कस्बे के करीब स्थित 500-700 बीघा सरकारी भूमि पर कराया जाए।

3. गलत सूचनाओं के आधार पर निर्माण स्थल चयन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही हो।

4. आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया जाए, अन्यथा विरोध प्रदर्शन और न्यायालयीन कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

  • ज्ञापन के अंत में सर्व समाज ने चेतावनी दी है कि यदि मातृ एवं शिशु विंग का निर्माण दूरस्थ क्षेत्र में कराया गया, तो जनता को आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया का सहारा लेना पड़ेगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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