
कुचामन न्यूज: कुचामन नगर परिषद की सीमा विस्तार अधिसूचना पर कड़ा विरोध जताते हुए उपसभापति हेमराज चावला ने इसे जनविरोधी करार दिया।

चावला ने बताया कि यदि किसी ग्राम पंचायत का सघन आबादी क्षेत्र नगर परिषद के नजदीक हो, तो उसे शामिल किया जा सकता है, लेकिन रूपपुरा और खारिया की आबादी परिषद क्षेत्र से कई किलोमीटर दूर है। ऐसे में इन्हें नगर परिषद में शामिल करना जनहित के खिलाफ है।


कानूनी प्रक्रिया की अनदेखी
चावला ने कहा कि परिषद सीमा विस्तार की वैधानिक प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया है। निर्वाचित नगर परिषद बोर्ड और ग्राम पंचायतों के संवैधानिक अधिकारों का हनन हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि परिषद सीमा विस्तार में नगर आयुक्त, सभापति, बोर्ड के साथ ही संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंचों और ग्रामसेवकों की भी अनदेखी की गई है। पूरी प्रक्रिया को गुप्त तरीके से जिला स्तरीय अधिकारियों से संपादित कर तुगलकी फरमान की तरह अधिसूचना जारी की गई।
विकास कार्य होंगे प्रभावित
चावला ने सवाल उठाया कि जब कुचामन नगर परिषद में 45 वार्ड ही रहेंगे, तो सीमा विस्तार का औचित्य क्या है? वर्तमान वार्डों में भी बाहरी क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं, तो नवविस्तारित क्षेत्रों में विकास कार्य कराना और मुश्किल होगा।
ग्राम पंचायतों की स्वायत्तता पर खतरा
चावला ने कहा कि ग्राम पंचायतों के पास विकास के लिए पर्याप्त बजट और स्वायत्तता होती है, लेकिन नगर परिषद में शामिल होने से यह स्वायत्तता समाप्त हो जाएगी और उन्हें कोई विशेष लाभ नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि रूपपुरा और खारिया को नगर परिषद में शामिल करने के जनविरोधी निर्णय के खिलाफ क्षेत्रीय जनता के सहयोग से व्यापक विरोध किया जाएगा।
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