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कुचामन न्यूज़: फिजियोथैरेपिस्ट कौंसिल, केडर एवं नाम संशोधन सहित विभिन्न मांगों को लेकर फिजियोथैरेपिस्ट एसोसिएशन कुचामन ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर राकेश गुप्ता को ज्ञापन सौंपा।
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इस दौरान डॉ. हरीश कुमावत, डॉ. मनोज मित्तल, डॉ. पी.एल. कुमावत, डॉ. प्रमोद सहित कई फिजियोथैरेपिस्ट मौजूद रहे।
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एसोसिएशन के सदस्यों ने अपनी मांगों को लेकर प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया और फिजियोथैरेपी क्षेत्र के विकास के लिए आवश्यक सुधारों की मांग की। इसी मुद्दे को लेकर प्रदेशभर के फिजियोथैरेपिस्ट जयपुर में धरने पर बैठे हैं।
जयपुर में जारी प्रदेशस्तरीय धरने में विभिन्न जिलों के फिजियोथैरेपिस्ट हिस्सा ले रहे हैं और सरकार से अपनी मांगों को जल्द से जल्द पूरा करने की अपील कर रहे हैं। एसोसिएशन का कहना है कि जब तक उनकी मांगों पर सकारात्मक कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
प्रदेश में लगभग 15 से 20 हजार फिजियोथैरेपी चिकित्सक कार्यरत हैं, जिनकी निम्नलिखित मांगें हैं-
1. फिजियोथैरेपिस्ट पद के वर्ग कैडर का पुनर्गठन किया जाए एवं सेवा नियमावली में संशोधन कर अन्य राज्यों की तर्ज पर नए कैडर का गठन किया जाए।
2. सवाई मानसिंह चिकित्सालय (SMS) में इंटर्नशिप शुल्क माफ किया जाए तथा न्यूनतम स्टाइपेंड प्रदान किया जाए ताकि फिजियोथैरेपी छात्र-छात्राओं को आर्थिक सहायता मिल सके।
3. प्रदेश के प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) पर फिजियोथैरेपिस्ट का पद सृजित किया जाए जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में भी फिजियोथैरेपी सेवाएं उपलब्ध हो सकें।
4. मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (MAA) योजना के अंतर्गत फिजियोथैरेपी सुविधा को सम्मिलित किया जाए ताकि अधिक से अधिक मरीज इस चिकित्सा का लाभ उठा सकें।
5. राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) में कार्यरत संविदा फिजियोथैरेपिस्ट का पदनाम ‘रिहैबिलिटेशन वर्कर’ के स्थान पर ‘फिजियोथैरेपिस्ट’ किया जाए और इसके लिए संशोधित विज्ञप्ति जारी की जाए।
6. चिकित्सा संस्थानों में फिजियोथैरेपिस्ट के नवीन पदों का सृजन किया जाए, जिसमें 50-75 बेड के अस्पतालों में 1, 150 बेड के अस्पतालों में 2 और 200 बेड के अस्पतालों में 4 पद स्वीकृत किए जाएं।
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फिजियोथैरेपिस्ट समुदाय ने सरकार से जल्द से जल्द उचित कदम उठाने की मांग की है ताकि फिजियोथैरेपी क्षेत्र को सशक्त बनाया जा सके और इससे जुड़े पेशेवरों को मान्यता एवं सुविधाएं मिल सकें।