आज कुछ खास है, हवा ये पतंगों से भरा आसमान,
तेज ठंडी हवा में तिलों की खुशबू,
मकर संक्रांति के पर्व पर कुछ खास है हवा
कुचामन न्यूज़: 14 जनवरी को आसमान रंग-बिरंगे पतंगों से सजा हुआ था। तेज ठंडी हवा और तिल-गुड़ की महक ने इस पर्व को और भी खास बना दिया।
रातभर पतंगों की तैयारी में जुटे बच्चे सुबह का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। जैसे ही सुबह हुई, बच्चों ने अपनी पतंगें लेकर छतों पर कब्जा जमा लिया।
कुचामन न्यूज़: सिंचाई उपकरण चोर गैंग सक्रिय, 18 से ज्यादा वारदातों में शामिल एक आरोपी गिरफ्तार
सुबह की शुरुआत महिलाओं और पुरुष द्वारा अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना से हुई। बाद में लोग गौशाला में गाय को चारा व गुड़ खिलाने गए। घरों में स्वादिष्ट व्यंजन बनने लगे—तिल के लड्डू, गजक, मूंगफली और अन्य पकवानों की खुशबू माहौल को और आनंदमय बना रही थी। मेहंदी रचे हाथों से महिलाएं भी पतंग उड़ाने में पीछे नहीं थीं।
छोटे बच्चे और बड़े, सभी अपने-अपने छतों पर पतंगों के साथ तैयार थे। पतंगों की लड़ाई में हर कोई अपनी पतंग को सबसे ऊंचा ले जाने की कोशिश में जुटा था। “वो काटा!”, “तेरी गई!”, “खींच ले!” जैसे शब्द चारों ओर गूंज रहे थे। इस मस्ती के बीच डीजे पर राजस्थानी गानों ने माहौल को और भी खुशनुमा बना दिया।
कुचामन न्यूज़: गांव पांचवा के नितेश शर्मा की व्हाइटबुक यूथ फाउंडेशन बनी छात्रों के लिए मददगार
बच्चों की हंसी और बड़ों का उत्साह इस बात का गवाह था कि मकर संक्रांति केवल त्योहार नहीं, बल्कि एक ऐसा दिन है जब हर कोई अपनी रोजमर्रा की चिंताओं को भूलकर खुशियों में डूब जाता है। पति-पत्नी एक-दूसरे के साथ पतंग उड़ाने का आनंद ले रहे थे, तो बच्चे अपने दोस्तों के साथ आसमान में रंग बिखेर रहे थे।
शाम होते-होते स्काई लालटेन ने आसमान को एक नई रोशनी दी। जुगनुओं के झुंड जैसे ये लालटेनों का दृश्य सबको मंत्रमुग्ध कर गया। मानो पूरा आसमान सपनों से भर गया हो।
इस सबके बीच कुछ लोग जरूरतमंदों के लिए इस पर्व को और खास बना रहे थे। कपड़े और मिठाइयां बांटते हुए उन्होंने मकर संक्रांति का असली सार दिखाया—खुशियां बांटने का।
कुचामन न्यूज़: व्यापारी पर मिलावटी चांदी के आभूषण बेचने का आरोप, जांच में जुटी पुलिस