कुचामन न्यूज़: चितावा थाने में जनवरी माह के समय नाबालिग बच्ची से रेप करने का मामला सामने आया था। अब इस मामले में मेड़ता के विशिष्ट न्यायालय पॉक्सो की न्यायाधीश अलका शर्मा ने मुलजिम को गंभीर अपराध के लिए 20 साल की कठोर कारावास की सजा और 50,000 का जुर्माना सुनाया।
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मुलजिम बजरंगलाल पुत्र भवरलाल रैगर को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 366 और 344 के तहत भी आरोप लगाए गए थे। धारा 366 के तहत उसे 7 वर्ष का कठोर कारावास और 5000 रुपये का जुर्माना जबकि धारा 344 के तहत भी 7 वर्ष का कठोर कारावास और 5000 रुपये का जुर्माना लगाया गया।
अभियोजन पक्ष के द्वारा 14 गवाहों और 28 दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। जिसके बाद मुलजिम को दोषी ठहराया गया। इस मामले में विशिष्ट लोक अभियोजक जगदीश सिंह राठौड़ ने अभियोजन पक्ष की ओर से मजबूती से पैरवी की।
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यह सजा जनवरी माह में चितावा थाने में दर्ज हुई एक घटना से संबंधित है। जिसमें मुलजिम ने एक नाबालिग बच्ची के खिलाफ गंभीर अपराध किए थे। कोर्ट के इस फैसले से यह साबित होता है कि न्यायपालिका नाबालिगों के अधिकारों की सुरक्षा के प्रति संजीदा है और अपराधियों को कड़ी सजा देने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है।
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