इल्म से ही समाज में फैली कुरीतियों को किया जा सकता दूर – सैयद अमीनुल कादरी
Kuchaman news: कुचामनसिटी. शहर के छीपा मोहल्ला स्थित इमाम चौक में शनिवार रात इस्लाह-ए-मुआशरा कॉन्फ्रेंस का आयोजन हुआ।
अंतरराष्ट्रीय मुस्लिम वक्ता के रूप में पहचान रखने वाले और सुन्नी दावत ए इस्लामी के मालेगांव डिवीजन के प्रमुख कार्यवाहक सैयद अमीनुल कादरी, आयोजन के मुख्य वक्ता के रूप में मौजूद रहे। जिन्होंने अपनी तकरीर में समाज में फैली कुुुुरीतियों को दूर करने का संकल्प लेने की बात कही । बच्चों को शिक्षित करने पर जोर दिया।
Kuchaman news सैय्यद अमीनुल कादरी ने कहा कि निकाह को आसान कर शादी-विवाह में फिजूलखर्ची रोकना जरूरी है। इस्लाम में दहेज सुन्नत नहीं है। दहेज लेने और देने वाले परहेज करें। कहा कि समाज में तेजी से बुराइयां बढ़ती जा रही हैं। युवाओं में जुआ, सट्टा, शराब पीने की लत बढ़ रही है। हमें बुराइयां छोड़कर सच्चाई के रास्ते पर चलना होगा। उन्होंने युवा पीढ़ी से नशे के खिलाफ आगे आने और तरक्की के रास्ते पर चलने का पैगाम दिया। कादरी ने इस्लाम के पांच स्तंभ में से एक नमाज के बारे में बयान दिया और कहा की नमाज कायम रखोगे तो तमाम बुराइयों से बचे रहोगे। नमाज पढ़ने से दीन की बेहतरीन जानकारी होगी।
नमाज पैगंबर-ए-इस्लाम के आंख की ठंडक है। नमाज पढ़ने वाले अल्लाह के करीब रहते है उनके चेहरों पर अल्लाह का नूर बरसता है। उन्होंने इस्लाम धर्म में माता-पिता के दरजात भी बताएं और कहां की हमेशा मां-बाप की सेवा करने का जज्बा औलाद के दिल में होना चाहिए। हमें किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए। Kuchaman news
उन्होने तकरीर में इस बात पर जोर दिया की इंसान को कोई भी काम करते से पहले ये सोचना चाहिए की हमारा रब उससे नाराज तो नही होगा। हम दुनिया वालों के डर से किसी काम को काम छुपकर करते है लेकिन हमे ये भी सोचना चाहिए की, दुनिया में कोई देखे न देखे अल्लाह हमे देख रहा है।
मौलाना शमशुद्दीन कादरी मकराना ने कहा कि समाज में शिक्षा की कमी के कारण कई कुरीतियां व्याप्त हैं। लोग दीनी दुनियावी शिक्षा हासिल करेंगे तो सामाजिक कुरीतियां खुद ब खुद दूर होंगी और समाज आगे बढ़ेगा। इस्लाम में हर मर्द औरत को इल्म सीखना फर्ज करार दिया गया है। लोग शिक्षा के मामले में जागरूक हों और बेहतर शिक्षा हासिल करें।
उन्होंने कहा कि पैगंबर-ए-इस्लाम हजरत मुहम्मद साहब ने शिक्षा पर जोर दिया है।कान्फ्रेंस की सदारत मिर्जा मस्जिद कुचामन सिटी के इमाम मौलाना अब्दुल वाहिद नईमी ने की और निजामत असलम रब्बानी मकराना ने की। नातख्वाह मोहम्मद शरीफ राजा पाली ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर समा बांधा।
कांफ्रेंस में शहर की विभिन्न मस्जिदों के इमाम मौलाना नौशाद , मौलाना शहाबुद्दीन, मौलाना बदरुल कादरी ,हाफ़िज़ ईसा अंसारी,मौलाना बशीर मौलाना मो,अरमान,मौलाना मुस्लिमुदीन भी मंचासीन रहे। कांफ्रेंस में देर रात तक बड़ी तादाद में लोग मौजूद रहे। सैयद शकील अली चूड़ीगर,इलाई समाज सचिव मईनुद्दीन शेख,जावेद टाक, इमरान देवड़ा,अब्दुल लतीफ बिसायती, रोशन मनिहार ,जावेद कारीगर, शाहरुख मनिहार ने कांफ्रेंस को कामयाब बनाने में अपना योगदान दिया ।
मीडिया से हुए रूबरू
कांफ्रेंस के बाद इस्लामिक स्कॉलर सैयद अमीनुल कादरी मीडिया से रूबरू हुए और देशवासियों को आने वाले स्वतंत्रता दिवस की अग्रिम शुभकामनाएं देते हुए कहा की अपने वतन से मुहब्बत का जज्बा हमेशा अपने दिल में रखना चाहिए। पैगम्बर मुहम्मद साहब ने भी यही कहा है की अपने वतन से ,मातृ भूमि से हमेशा प्यार करना चाहिए । उन्होंने युवाओं से कहा की भारत युवाओं का देश है, युवाओं को अपने देश को सजाने से लेकर बचाने की दिशा में आगे रहना चाहिए ।
उन्होंने इस दौरान देश की आजादी के लिए हुए आंदोलनों का जिक्र करते हुए कहा की अंग्रेजो के खिलाफ जिहाद का फतवा सबसे पहले अल्लामा फज्ल ए खैराबादी ने दिया था। हजरत किफेत अली मुरादाबादी, हज़रत फैज अहमद बदायुनी जैसे असंख्य मुस्लिम उलेमाओं ने भी आजादी की लड़ाई में हंसते हंसते देश के लिए अपनी जान कुर्बान की थी। उन्होंने युवाओं से ये भी कहा की मुल्क को तरक्की की राह पर ले जाना है तो देश को नशा मुक्त करना होगा। आपस में लड़ने झगड़ने की बजाय मिलकर तालीम पर मेहनत करें, सब मिलकर देश को सुपर पावर बनाने की दिशा में काम करें ।