विश्व मजदूर दिवस पर विशेष
हेमंत जोशी @ कुचामनसिटी। Kuchaman news: अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस के उपलक्ष पर टीम मिशन बरगद और कुचामन डर्मेटोलॉजी क्लिनिक ने शहर के कचरा बिनने वाली महिला मजदूरों का मिठाई खिला कर सम्मान किया।
देश भर में रिसाइकल होने वाले कचरे का लगभग नब्बे प्रतिशत भाग कचरा बीनने वालों या असंगठित क्षेत्र द्वारा रिसाइकल होता है। इस क्षेत्र में मुख्यता महिलाएं शामिल होती हैं। एक अनुमान के अनुसार शहर में लगभग 200 कचरा बीनने वाली महिलाएं होंगी जो शहर और आसपास के ग्रामीण एरिया की है।
Kuchaman news: प्रतिदिन प्रति व्यक्ति लगभग 10 किलोग्राम रिसाइक्लेबल प्लास्टिक, कांच, आयरन जैसे कचरे के हिसाब से महीने में लगभग 66 टन कचरा रिसाइकल करती है। यह महिला मजदूर ऐसे कचरे को डंपयार्ड या लैंडफिल में जाने से रोककर शहर वासियों को पर्यावरण प्रदूषण से बचाती है। ये लोग असंगठित क्षेत्र का हिस्सा है जो बिना किसी सरकारी सहायता से अपना और अपने परिवार का पेट पालते हैं और पर्यावरण मित्र भी बनते हैं।
मजदूर दिवस पर संस्था द्वारा इन्ही गुमनाम हीरो का अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर मिशन बरगद के सदस्य और पर्यावरण प्रेमी डॉक्टर प्रदीप चौधरी ने स्थानीय निकाय द्वारा इन कचरा बिनने वालों को शहरी रोजगार या एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर लायबिलिटी एक्ट या स्वच्छ भारत मिशन के तहत मुख्य धारा में लाने का आग्रह किया। जिससे हम कचरा प्रंबधन को और बेहतर बना सकें और इनको सामाजिक सुरक्षा दे सकें।
विश्वभर में भी क्लाइमेट चेंज को रोकने हेतु वेस्ट मैनेजमेंट में इन असंगठित कामगारो को लीगल तरीके से सम्मिलित करने की बात यूनाइटेड नेशंस की प्लास्टिक ट्रीटी में करी जा रही है। यही बात देश का प्लास्टिक मैनेजमेंट रूल 2016 करता है। जरूरत है, इसे लागू करने की।
इस अवसर चर्म रोग विशेषज्ञ डॉक्टर सरिता कलवानिया ने कचरे बिनने वाली महिलाओं की दाद और खुजली की समस्याओं को जाना, उनको हीट स्ट्रोक , सन बर्न और ऑक्यूपेशनल इंजरी से बचने के उपाय बताए और मच्छरों से बचने की क्रीम वितरित की।
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