अरुण जोशी @ नावां शहर। विश्व विख्यात सांभर झील में अवैध गतिविधियों की भरमार है। प्रशासन की ओर से कार्यवाही में ढिलाई बरतने के बाद नमक उद्यमियों ने झील में अवैध बोरवेल करने के साथ ही पाइप लाइन व केबिल बिछाकर पानी का दोहन करना शुरू कर दिया। जिसके कारण झील में चारो ओर बोरवेल नजर आ रहे है।
बोरवेल संचालकों की ओर से रात के अंधेरे में बोरवेल किए जाते है और नमक उद्यमियों की ओर से दिन में केबिल व पाइप लाइन बिछाई जाती है।
जिला कलेक्टर के निर्देशों पर शुक्रवार को तहसीलदार सतीश कुमार राव व राजस्व टीम की ओर से आठ घंटे मैराथन कार्यवाही कर बीस बोरवेल नष्ट कर बारह बोरवेल जब्त करने की कार्यवाही की गई।
तहसीलदार सतीश राव ने बताया की झील क्षेत्र में अजमेर सीमा के पास आऊ क्षेत्र में कार्यवाही की गई। कार्यवाही के दौरान नायब तहसीलदार रामरतन रैगर, भू अभिलेख निरीक्षण राजेंद्र सिंह, पटवारी रामनिवास बाज्या, महाराजपुरा पटवारी जगदीश प्रसाद, लूणवा पटवारी मुकेश सहित नगरपालिका कर्मचारियों ने सहयोग किया।
नियमित कार्यवाही की आवश्यकता :-
सांभर झील के संरक्षण को लेकर प्रशासन की नियमित कार्यवाही की आवश्यकता है। झील क्षेत्र में नियमित बोरवेल हो रहे है लेकिन प्रशासन की ओर से महीने में एक दिन कार्यवाही कर इतिश्री कर ली जाती है। नमक उद्यमियों ने झील में बोरवेलो का जाल बिछा रखा है। वर्तमान में झील में सैकड़ों की तादाद में बोरवेल संचालित है। यदि एक दिन में बीस बोरवेल नष्ट किए गए है यदि एक महीना नियमित कार्यवाही की जाए तो झील अवैध गतिविधियां खत्म हो सकती है।
इनका कहना:
झील में लगातार कार्यवाही की जा रही है और नियमित कार्यवाही की जाएगी। माननीय उच्च न्यायालय के आदेशानुसार झील से अवैध गतिविधियों से मुक्त किया जाएगा।
सतीश कुमार राव
तहसीलदार नावां।