केंद्र में EWS आरक्षण में सरलीकरण किया जाए
हेमंत जोशी @ कुचामनसिटी। श्री क्षत्रिय युवक संघ के आनुषंगिक संगठन श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के तत्वावधान में प्रदेश भर में EWS आरक्षण में विद्यमान विसंगतियों के सम्बंध में कई वर्षो से प्रयास किए जा रहे है। किंतु अभी तक इन प्रयासों का सकारात्मक हल नहीं निकला है। इसलिए इस बार भाजपा के ही जिला कार्यालयों पर फाउंडेशन द्वारा धरने दिए जा रहे है। इस कड़ी में कुचामन के भाजपा कार्यालय पर अक्रोशित युवाओं ने धरना प्रदर्शन किया।
श्री क्षात्र पुरुषार्थ फाउंडेशन के पदाधिकारियों ने धरना स्थल पर संबोधित करते हुए कहा कि फ़ाउंडेशन आर्थिक रूप से पिछड़े अनारक्षित वर्गों को आरक्षण देने हेतु प्रधानमंत्री का आभार जताता है किंतु इसमें विद्यमान विसंगतियों के कारण आर्थिक पिछड़ों को इसका समुचित लाभ नही मिल पा रहा है।
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केंद्र में आर्थिक पिछड़ा वर्ग के आरक्षण की पात्रता हेतु आय के साथ संपत्ति की शर्तों को भी शामिल किया गया है। चूंकि भारत विविधताओं का देश है अतः सम्पूर्ण भारत की भूमि एक सी उर्वरक व उत्पादक नहीं है,साथ ही संपत्ति की कीमतों में भी भारी अंतर है। गुजरात, राजस्थान सहित अन्य राज्यो ने राज्य की परिस्थितियों अनुसार संपत्ति की शर्तों को हटाकर मात्र आठ लाख वार्षिक आय को ही मापदंड माना है।अतः पूरे देश मे एक नियम की बजाय राज्यो द्वारा तय नियमो से बने प्रमाण पत्र को केंद्र में भी मान्यता दी जाए,जिससे प्रार्थी को अलग अलग प्रमाण न बनाने पड़े व शर्ते भी स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल हो।
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इस मांग की पुष्टि के लिए पिछले वित्त वर्ष में केंद्र व राज्य में बने EWS के प्रमाणपत्रों के आंकड़े संलग्न किये गए जिससे ज्ञात होता है कि राज्य व केंद्र में बने प्रमाणपत्रों का अनुपात 70:30 है। साथ ही केंद्र में अधिकतम आयु सीमा,न्यूनतम अहर्ताक,फीस आदि में अन्य वर्गों को मिले आरक्षण की तरह छूट दी जाए।साथ ही प्रमाणपत्र की वैधता एक वर्ष की अपेक्षा तीन वर्ष की जाए,कतिपय राज्य सरकारों ने ऐसा प्रावधान किया है,अतः केंद्र में भी ये लागू हो जिससे आर्थिक रूप से कमजोर को इस आरक्षण का पूरा लाभ मिल सके।
इसी के साथ ही इसमें आय की इकाई परिवार को माना गया है और परिवार में माता पिता,पति,पत्नी,अविवाहित भाई,बहन सबकी आय सम्मिलित है इससे प्रक्रियागत परेशानी होती है व आय की गणना की प्रक्रिया जटिल हो जाती है। विवाहित महिला के लिए यह और अधिक कठीन हो जाता है क्योंकि उसके ससुराल व पीहर दोनों पक्षो की आय को मानने का प्रावधान है जिससे दोनों स्थानों के प्रशासनिक कार्यालय में चक्कर लगाने पड़ते है।अतः आय की गणना अन्य क्रिमीलेयर आरक्षण की तरह केवल माता पिता की आय से की जाए। साथ ही इस वर्ग के विद्यार्थियों के लिए छात्रावास,छात्रवृत्ति आदि की सुविधा की जाए व राष्ट्रीय आर्थिक पिछड़ा वर्ग आयोग का गठन किया जाए जिससे इस वर्ग के हितों का न्यायपूर्ण संरक्षण हो सके।
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स्पष्ट शब्दों में कहा गया कि EWS आरक्षण में सरलीकरण नहीं किया गया तो लोकसभा चुनावो में भाजपा को वोट नहीं दिया जाएगा। राजपूत सदा भाजपा का कोर वोट बैंक रहा है, 90% राजपूत भाजपा को वोट करता आया है उसके बावजूद भी हमारे साथ ये अन्याय असहनीय है। आचार सहिंता लगने से पहले इसमें संपत्ति और अन्य शर्तो को हटाकर इस आरक्षण का सरलीकरण किया जाए। ये मुद्दा अब देशव्यापी हो गया है, जन जन की आवाज़ बन गया है ये विषय। युवा इसको लेकर बहुत ही आक्रोशित और आंदोलित है।
धरने के बाद भाजपा के राज्यमंत्री विजय सिंह चौधरी और नेता प्रतिपक्ष अनिल सिंह मेडतिया को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन पत्र भी दिया गया कि आप इस मांग को दिल्ली तक पहुंचाए।
धरना स्थल पर बाबूलाल कुमावत, भगवानसिंह रसाल, सुरेन्द्रसिंह दीपपुरा, राजेंद्रसिंह प्रेमपुरा, संग्रामसिंह गिंगालिया, इंद्रसिंह तोलियासर, भंवरसिंह पलाडा, राजकुमार कुमावत, विक्रम राजोरिया पार्षद, नेहपाल सिंह डाबडा, शूरवीर सिंह पलाडा, विमल पारीक, विक्रम सिंह झाझड़, लोकेंद्र सिंह चिराना , नत्थू सिंह छापड़ा , भुपेन्द्र सिंह डाबड़ा, मनमोहन सिंह खारिया, नरेन्द्र सिंह सिंगरावट, सुरेंद्र सिंह रायथलिया , सुरेन्द्र सिंह बरवाला, निर्मल सिंह चितावा, महेंद्र सिंह खारडिया, प्रदीप सिंह चावण्डिया, कमलेन्द्र सिंह मिठड़़ी, महावीर सिंह दोलतपुरा, दीपेन्द्र सिंह पलाडा और सैकड़ों युवा मौजूद रहे।
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