अरुण जोशी @ नावां शहर। शहर के उपखंड कार्यालय में सोमवार को सांभर झील के संरक्षण, संवर्धन एवं एकीकृत प्रबंधन को लेकर अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी सांभर लेक मैनेजमेंट एजेन्सी की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई।
बैठक में सांभर लेक के कार्यों की समीक्षा की गई।
बैठक में उपखण्ड अधिकारी विश्वामित्र मीणा, तहसीलदार सतीश कुमार राव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रिय अधिकारी, विद्युत निगम के अधीक्षण अभियंता, पशु पालन विभाग के उप निदेशक, रेलवे से उप मुख्य अभियंता, खनिज अभियंता मकराना, अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका नावां, सहायक अभियंता जल संसाधन विभाग परबतसर, महाप्रबंधक सांभर साल्ट लिमिटेड मौजूद रहे।
शासन सचिव व अन्य अधिकारियों ने सांभर झील क्षेत्र का लिया जायजा
अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी, सांभर लेक मैनेजमेंट एजेन्सी रविन्द्र सिंह ने राजस्व विभाग को सांभर झील क्षेत्र नावां में हो रही किसी भी प्रकार की अवैध गतिविधियों पर सतत निगरानी कर प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।
झील क्षेत्र के दर्ज 91 एलआर एक्ट के प्रकरणों में बेदखली करने हेतु निर्देशित किया। अधिशाषी अधिकारी नगरपालिका को ठोस अपशिष्ट निस्तारण हेतु भूमि का भौतिक अध्ययन, सर्वे करना, भूमि चिन्हित करने हेतु निर्देशित किया। जिससे अपशिष्ट पदार्थ झील में नहीं जाए।
साम्भर झील में अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला कलक्टर ने दिए सख्त कार्रवाई के आदेश
- खनिज विभाग को झील क्षेत्र के कोर एरिया से लगते 5 किमी तक के क्षेत्र में किसी भी प्रकार की एसटीपी जारी नहीं करने हेतु निर्देश दिए।
- इसके साथ ही पूर्व में जारी एसटीपी में जहां भी एसटीपी स्वीकृति से अधिक मात्रा में खनन हुआ है तो संबंधित ठेकेदार के विरूद्ध पर्यावरण अधिनियम के तहत कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया।
- अतिरिक्त जिला कलेक्टर रविन्द्र सिंह ने विद्युत विभाग को सांभर झील क्षेत्र में बिछाई गई अवैध केबल्स को राजस्व विभाग के साथ चिन्हित कर उनकी पहुंच भूमि का पता कर संबंधित अतिक्रमी व खातेदार के विरूद्ध पर्यावरण अधिनियम व वैटलेण्ड एक्ट 2017 के तहत कार्यवाही करने तथा विद्युत विच्छेद करने हेतु निर्देशित किया गया।
- प्रदूषण विभाग को सांभर झील क्षेत्र में अवैध खनन करने अथवा खनिज विभाग द्वारा जारी एसटीपी से अधिक सीमा में खनन पाए जाने पर पर्यावरण अधिनियम व वैटलेण्ड एक्ट 2017 के तहत कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया।
- पशुपालन विभाग को झील क्षेत्र में विचरण करने वाले पशुओ से प्राकृतिक बहाव पर पडने वाले प्रभाव के बारे में अध्ययन करने हेतु निर्देशित किया गया।