हेमन्त जोशी @ कुचामनसिटी। 13 अगस्त को शुरू हुई पर्यावरण जन चेतना यात्रा 19 अगस्त को सुबह 8:15 बजे रथ के साथ में कुचामन स्टेडियम नए बस स्टैंड के सामने पहुंची।
रथ यात्रा स्टेडियम में पहुंची वहां उपस्थित नागरिक बंधुओ ने यात्रा का स्वागत किया और अभिनंदन किया। कार्यक्रम के मंच पर महंत बालकदास महाराज बरवाला धाम, मोहनलाल सुथार विभाग संयोजक पर्यावरण जन चेतना यात्रा और प्रांतीय सदस्य गो सेवा, शिवनाथ गोदारा जिला यात्रा संयोजक एवं ऑपरेशन दीर्घायु के संयोजक, राजेश कुमावत वर्तमान में जीएसटी इंस्पेक्टर भीलवाड़ा (खारिया पर्यावरण प्रेमी,) रामप्रसाद शर्मा किशनगढ़ निवासी अपना संस्थान के अजमेर विभाग के संरक्षक अतिथि के रूप में विराजमान थे।
इनके स्वागत के लिए गौ सेवा को समर्पित डॉक्टर गोविंद राम चौधरी, विश्व हिंदू परिषद के जिला अध्यक्ष प्रकाश सारडा, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष गोविंद राम शेषमा, भारत विकास परिषद के संपर्क प्रमुख अंकुर काला, रणधीर सिंह यात्रा जिला संयोजक डीडवाना ने सभी अतिथियों का दुपट्टा पहनाकर अभिनंदन किया स्वागत किया।
मोहन लाल सुथार ने वहां उपस्थित कुचामन शहर की विभिन्न स्कूलों के हजारों विद्यार्थियों को एवं शहर के अन्य गणमान्य नागरिकों को यात्रा के बारे में बताया कि 13 अगस्त 2023 को पांचला सिद्धा से शुरू हुई। इस यात्रा का समापन 27 अगस्त 2023 को होगा।
उन्होंने बताया कि यात्रा का मुख्य उद्देश्य तीन विषयों पर केंद्रित है पेड़, प्लास्टिक और पानी। जैसा कि सबको विदित है अभी कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी कैसे मानव जीवन के लिए संकट का विषय बनी और एकमात्र उसका उपाय ऑक्सीजन के रूप में हमें सामने देखने को आ रहा था। अगर अभी भी मानव समाज ने पेड़ का अपने जीवन में अपनी संस्कृति में महत्व नहीं समझा तो यह हमारे लिए और हमारे आने वाली पीढ़ियों के लिए बहुत घातक होगा।
प्लास्टिक के रूप में ना जाने हम कितना बड़ा अपराध इस भारत माता के साथ में कर रहे हैं। गौ माता के साथ में कर रहे हैं। सिंगल यूज प्लास्टिक एक बार यूज किया जाता है और वह अगले कई हजार सालों तक नष्ट नहीं होती है। उसकी वजह से धरती में प्रदूषण होता है। वायु में प्रदूषण होता है। जल में प्रदूषण होता है। अगर हमने पानी की महत्ता नहीं समझी ,जल है तो कल है किस तरीके से पानी के बिना आज मानव संस्कृति में जो खतरा बन रहा है। वह हमें भी समझ लेना चाहिए, वरना हमारी आने वाली पीढ़ियां हमें कभी भी क्षमा नहीं करेगी।
कार्यक्रम में महंत श्री बालक दास जी ने कहा कि पुराने समय में गुरुकुलों की व्यवस्था थी। जिसमें जितने विद्यार्थी अध्यनरत होते थे उनके हिसाब से गुरुकुल में पेड़ों की व्यवस्था की जाती थी। यह हमारे जीवन का एक हिस्सा था। कार्यक्रम में रामप्रसाद शर्मा ने बताया कि हमें उन पेड़ो को ज्यादा लगाना चाहिए। जो दिन और रातऑक्सीजन ही प्रदान करते हैं।
उन्होंने बताया कि आज तक हमारे धर्म संस्कृति में जिन भी लोगों को ज्ञान की प्राप्ति हुई है। उन सब ने वह ज्ञान किसी ने किसी बौद्धिक वृक्ष के नीचे बैठकर ही ग्रहण किया है। वहीं उन्होंने तप किया है। वहीं उन्होंने सिद्धियों को प्राप्त किया है।
जीएसटी इंस्पेक्टर राजेश कुमावत ने कहा कि पर्यावरण यह किसी एक का विषय नहीं है। यह हम सब की नैतिक जिम्मेदारी है कि हम अपने जीवन काल में जितना हो सके वृक्ष लगाए। ताकि हम अपने आने वाली पीढियां को एक स्वच्छ पर्यावरण से बड़ा कोई भी उपहार उन्हें नहीं दे सकते हैं। जो उनके आने वाले समय तक रहेगा।
शिवनाथ गोदारा ने वहां उपस्थित हजारों की संख्या में विद्यार्थियों से संवाद स्थापित किया और उन्हें बताया कि कैसे जीवन के लिए पेड़ जरूरी है। जल जरूरी है। और उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान जो बीज आज आप लोगों को वितरित किए जा रहे हैं। इन्हें पहले गमले में तैयार करना है। जब यह बीज पौधे बन जाए, तो फिर इन्हें जमीन में स्थापित करना है। और इनका ख्याल रखना है। इन्हें अपने परिवार के सदस्यों की तरह इनका पालन पोषण करना है। ताकि आने वाले समय में हमारे आने वाली पीढ़ियों का पालन पोषण कर सके।
कार्यक्रम में भागीरथराम ने वहां उपस्थित हजारों की संख्या में विद्यार्थियों एवं अन्य शहर वासियों को भी संकल्प करवाया। “मुझे गर्व है कि मैं भारतीय हूं, भारत मेरे लिए पवित्र भूमि है, मैं भारतीय संस्कृति जीवन मूल्य व परंपराओं की रक्षा करूंगा। मैं धूम्रपान व नशीली वस्तुओं का सेवन नहीं करूंगा। मैं प्लास्टिक का न्यूनतम उपयोग करूंगा। मै अधिकाधिक पौधारोपण करूंगा। मैं वन्यजीवों प्रकृति व जल संरक्षण का प्रयास करूंगा, भारत माता की जय।
अंत में वहां उपस्थित शहर वासियों का व प्राइवेट स्कूल के अध्यापकों का उनके निदेशकों का एडवोकेट अशोक चौधरी कुचामन खंड कार्यवाह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। मंच संचालन नटवरलाल शर्मा ने किया कार्यक्रम में भारत विकास परिषद कुचामन शाखा का संयोजन रहा सेवा भारती ने कार्यक्रम में जल व्यवस्था का दायित्व संभाला एवं शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं सामाजिक संस्थानों का भी सहयोग रहा।