नमक के ट्रकों को रोका, समझौता वार्ता के बाद करवाए खाली
अरुणजोशी @ नावांशहर। नमक मंडी नावां में इस वर्ष बार बार मौसम की मार के चलते नमक उत्पादन लगभग पचास प्रतिशत भी नहीं हुआ। नवंबर माह से जून तक बार बार बारिश होने के कारण नमक उत्पादको को नुकसान होने के कारण ही उत्पादन भी काफी कम हुआ।
नहीं हुआ पर्याप्त स्टॉक
जिसके कारण नमक रिफाइनरी संचालकों के सामने फैक्ट्री संचालन को लेकर संकट खड़ा हो गया है। नमक रिफाइनरी संचालकों के पास लगभग चालीस प्रतिशत स्टॉक हुआ है जिसके कारण बारिश के मौसम में फैक्ट्रियां बंद हो सकती है। जिससे हजारों मजदूर बेरोजगार भी हो सकते है। इस संकट से बचने के लिए रिफाइनरी संचालकों ने ट्रकों की सहायता से गुजरात ने नमक मंगवाना शुरू कर दिया।
किया विरोध
नमक उत्पादक संघ ने इसका विरोध किया। जिस पर नमक रिफाइनरी संचालकों को 24 जुलाई के बाद गुजरात से नमक नहीं मंगवाने की चेतावनी दी। मंगलवार को नावां में हाईवे पर ट्रकों को रोका गया तथा इसका विरोध किया गया। साल्ट डेवलपमेंट एंड वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष कानाराम थाकन ने बताया की गुजरात के नमक में मिट्टी गंदगी आ रही है। यह नमक खाने के योग्य नहीं है। इसके साथ ही नावां की नमक मंडी को बचाने के लिए यह विरोध किया जा रहा है।
बाद में मंगवाए गुजरात से नमक
नमक रिफाइनरी संचालको के पास नमक पड़ा है इसके बावजूद गुजरात से नमक मंगवाया जा रहा है। हम नहीं चाहते है की रिफाइनरिया बंद हो। नमक रिफाइनरी संचालकों के पास जो स्टॉक पड़ा है पहले उसका उपयोग करे। वह खत्म होने के बाद उत्पादक संघ को सूचित कर गुजरात से नमक मंगवाए। उसमे हमे कोई आपत्ति नहीं है।
यह रहे मौजूद
इस अवसर पर नमक उत्पादक संघ के अध्यक्ष केशाराम लौरा, रामेश्वर लाल रणवा, नगेन्द्र चौधरी, मूलाराम रणवा, प्रकाश खोखर, अजय अग्रवाल, हनुमान, सत्यारायण खुरडिया, छोटू डारा, नटवर सहित अन्य नमक उत्पादक मौजूद रहे। विरोध प्रदर्शन के पश्चात नमक रिफाइनरी संचालकों की ओर से समझौता वार्ता के दौरान विश्वास दिलाया गया की अब गुजरात से नमक नहीं मंगवाया जाएगा। इसके पश्चात ट्रकों को खाली करने हेतु रवाना किया गया।