Friday, November 22, 2024
Homeकुचामनसिटीकुचामन की राजनीति में पक्ष-विपक्ष फेल - ना इनकी कोई सुन रहा...

कुचामन की राजनीति में पक्ष-विपक्ष फेल – ना इनकी कोई सुन रहा ना उनकी कहीं चल रही

सत्ता की जंग और जनता का मैदान, आखिर में नुकसान मैदान (यानी जनता) का ही

- विज्ञापन -image description

हेमन्त जोशी @ कुचामनसिटी। एक मारवाड़ी यानी देसी कहावत तो सुनी ही होगी आपने –  ‘खोदां की लड़ाई और बांठां को खोगाळ’ कहीं कहीं इसको ऐसे भी सुना है- ‘खोदां की राड़ मं बांठां को नुकसाण’

- विज्ञापन -image description
कुचामनसिटी। सत्ता की जंग और जनता का मैदान, इनकी लड़ाई में शहर की आमजनता का नुकसान  हो रहा है। विकास के नाम पर इनकी लड़ाई में जनता के मुद्दे गायब हैं।(यह इमेज प्रतीकात्मक है)
कुचामनसिटी। सत्ता की जंग और जनता का मैदान, इनकी लड़ाई में शहर की आमजनता का नुकसान हो रहा है। विकास के नाम पर इनकी लड़ाई में जनता के मुद्दे गायब हैं।
(यह इमेज प्रतीकात्मक है)

खैर, इस कहावत का शुध्द और असल रूप कोई सा भी हो, मजमून यानी भावार्थ एक ही है। और कुछ ऐसी ही स्थिति कुचामन में शहरी सरकार की पिछले काफी समय से नज़र आ रही है।

- Advertisement -image description

इसकी बानगी दिखाने के लिए हम यह फोटो भी सबके सामने ला रहे हैं। जिसमें शहर के मेगा हाइवे ओर प्रवेश द्वार पर लगा आई लव कुचामनसिटी का लोगो अब टूटकर शहर की राजनीति की तरह हो गया है, कुछ समझ में नहीं आ रहा है, लेकिन अडवे की तरह दिख भी रहा है।

कुचामन में मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थित पार्क में कुचामनसिटी, इस तरह दिख रहा है।
कुचामन में मुख्य प्रवेश द्वार पर स्थित पार्क में कुचामनसिटी, इस तरह दिख रहा है।

दरअसल, शहर के राजनीतिक घटनाक्रम में इन दिनों सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जुबानी जंग के साथ साथ आरोप- प्रत्यारोप की लड़ाई छिड़ी हुई है। एक तरफ सभापति आसिफ खान है और दूसरी तरफ नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह मेड़तिया है। दोनों ही राजनीति के नए खिलाड़ी है लेकिन दोनों ही अपने- अपने राजनैतिक दलों में निकाय के शीर्ष पद पर है। इन सबके बीच भ्रष्टाचार अहम मुद्दा है।

किस्सा कुर्सी का… इस अंक में शहर के प्रथम नागरिक, हाइब्रिड पद्दति की पहली पैदाइश सभापति आसिफ खान और नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह मेड़तिया दोनों ही नेताओं ने अपने अपने प्रश्नों से एक दूसरे पर जुबानी प्रहार किए है तो जवाब देने में भी अपनी धार दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है।

Kuchamadi.com पर पेश है नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह मेड़तिया के सवाल और सभापति आसिफ खान के जवाब-

Q. नगरपरिषद में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है। सब मिलकर जनता को लूट रहे हैं?
A. नगरपरिषद शहर के विकास अग्रणी है और पूरे जिले में सर्वाधिक विकास के काम कुचामन में हो रहे हैं। सभी सड़कों का उच्च गुणवत्ता से निर्माण कराया जा रहा है। विपक्ष की बौखलाहट है कि वह इस विकास को पचा नही पा रहे हैं।

Q. प्रशासन शहरों के संग अभियान में अधिकारी पैसे लेकर पट्टे बनाए जा रहे हैं, राहत के नाम पर जनता को लूटा जा रहा है?
A. जिले में सर्वाधिक पट्टे कुचामन में बनाये जा रहे हैं। आमजनता को सबसे ज्यादा फायदा पट्टे वितरित किए गए हैं। फिर भी भाजपा पैसे के आरोप लगाती है। यदि एक भी आदमी यह कह दे कि मैंने पैसे दिए है तो मान जाऊंगा। केवल विपक्षी ही बिना प्रमाण के यह आरोप लगाते हैं।

Q. शहर में नियमों के विपरीत कॉम्प्लेक्स बन रहे हैं और कई कॉम्पलेक्स का निर्माण चल रहा है, क्या यह सभापति को दिखाई नहीं देते? कोई भी कॉम्प्लेक्स नियमानुसार सही नही हैं?
A. अधिकांश कॉम्प्लेक्स भाजपा के बोर्ड में ही बने थे। भाजपा के कार्यकाल में ही हाईकोर्ट के आदेश भी हुए हैं। हाईकोर्ट के आदेशों की अवहेलना भी भाजपा के बोर्ड में ही हुई है। हम हाईकोर्ट के आदेशों की पालना कर रहे है। भाजपा पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें।
—–

कुचामनसिटी। किस्सा कुर्सी का पार्ट 5
कुचामनसिटी। किस्सा कुर्सी का पार्ट 5

Kuchamadi.com में पेश है सभापति आसिफ खान के सवाल और नेता प्रतिपक्ष अनिलसिंह मेड़तिया के जवाब-

Q. भाजपा शहर के विकास में साथ क्यों नही देती हैं। उन्हें पक्ष- विपक्ष से ऊपर उठकर जनता के हित मे काम करना चाहिए?
A. हम तो जनता के हित मे ही काम कर रहे हैं। हमारी मांग है कि गौचर भूमि खाली हो, जहां गायों को रखा जाए। सार्वजनिक रूप से  विकास कार्य हो, वार्डवाइज विकास हो। भ्रष्टाचार बंद हो।

Q. बिना प्रमाण के आरोप लगाना उचित नहीं है? स्वच्छ राजनीति करनी चाहिए, जिससे जनता का फायदा हो?

A. हम बिना प्रमाण के प्रमाण के कोई आरोप नहीं लगाते हैं, शहर का प्रत्येक नागरिक जानता है कि पट्टे कैसे बन रहे हैं, और निर्माण स्वीकृतियों के कितने पैसे लगते हैं। हम जानते हैं कि आप किसका भला कर रहे हो।

Q. विकास के मुद्दों पर विपक्ष का इस तरह बैठकों से वाकआउट अच्छा नहीं है, विपक्ष को विकास कार्यो में सहयोग करना चाहिए? 

A. हम शहर के विकास में बाधा नहीं पहुंचा रहे हैं। बैठक में इनके भाइयों का दखल और ओछी राजनीति के हम खिलाफ है। सत्ता के अहंकार में इतनी दादागिरी अच्छी नहीं है। इसका नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ेगा।
——-
सभापति की दावेदारी से आए चुनावी रण में, अब नेता प्रतिपक्ष-

भाजपा के नेता और वर्तमान में सबसे ज्यादा सत्ता से संघर्ष कर रहे अनिलसिंह मेड़तिया का यूं तो राजनीति से पुराना नाता नहीं रहा है लेकिन पिछले नगरपालिका चुनाव में वह बतौर अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए चुनावी मैदान में आए थे। सर्वाधिक वोटों से जीतकर वह पार्षद बने लेकिन हरीश कुमावत ने उन्हें आगे अध्यक्ष बनने से रोक लिया। हालांकि वह खुद भी पार्टी की अंदरूनी बगावत के चलते अध्यक्ष नही बन सके। कुमावत के निधन के बाद अनिलसिंह को भाजपा ने अपना नेता प्रतिपक्ष चुना। इसके बाद वह लगातार कांग्रेस के बोर्ड पर आक्रामक है। इनके आरोप यूं तो सत्य भी है लेकिन नगरपरिषद प्रशासन अपने सत्ताबल के साथ चल रहा है।

भाई ने आगे लाकर सभापति बनाया, अब सत्ता के तालमेल से चला रहे शहरी सरकार-

सभापति आसिफ खान भी राजनीति में नए खिलाड़ी हैं। इनके भाई आरिफ खान ने अपने राजनीतिक अनुभव से अपने समर्थक पार्षदों के बूते पर इन्हें कांग्रेस से हाइब्रिड सभापति बनाने में सफलता प्राप्त की। भाजपा के पार्षदों ने भी क्रॉस वोटिंग कर आसिफ को वोट दिए थे। अब आसिफ खान सत्ता और पार्षदों के तालमेल से शहरी सरकार चला रहे हैं। जिसमें उनके भाई आरिफ खान के राजनीतिक अनुभव का भी फायदा मिल रहा है। आरिफ खान पिछले बोर्ड में पार्षद और कृषि मंडी उपाध्यक्ष रह चुके हैं।

- Advertisement -
image description
IT DEALS HUB
image description
RELATED ARTICLES

4 COMMENTS

  1. जन्मभूमि नावा के राजनीतिक और प्रशासनिक क्षेत्र के बारे में भी ऐसी ही विशिष्ट श्रृंखला शुरू करे । ऐसा मेरा सुझाव है

Comments are closed.

- Advertisment -image description

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!