मणिपुर हिंसा को लेकर भारी आक्रोश
कांग्रेस ने किया विरोध प्रदर्शन राष्ट्रपति के नाम सौंपा ज्ञापन
मणिपुर की घटनाओं को अमानवीय और शर्मनाक बताते हुए मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की है
विमल पारीक @ कुचामनसिटी। कुचामन उपखंड मुख्यालय पर कांग्रेस नेताओं व पदाधिकारियों ने मणिपुर में हो रही हिंसा के संबंध में त्वरित आवश्यक कार्यवाही करवाने को लेकर राष्ट्रपति के नाम तहसीलदार को ज्ञापन दिया गया है।
मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू करवाने की मांग को लेकर कांग्रेस आईएनसीआर प्रदेशअध्यक्ष परसाराम बुगालिया और जिलाध्यक्ष मुन्नाराम महला के नेतृत्व में महामहिम राष्ट्रपति के नाम कुचामन उपखंड अधिकारी को मांग पत्र देकर कांग्रेस जनों ने प्रधानमंत्री का पुतला जला कर नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम में कांग्रेस आईएनसीआर कमेटी , कुचामन कांग्रेस नगर कमेटी, कुचामन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, नावां ब्लॉक कांग्रेस कमेटी, जिला कांग्रेस कमेटी सहित कांग्रेस के अग्रिम संगठनों के कार्यकर्ता पदाधिकारी और नगर परिषद के पार्षद गण भी पहुंचे।
मांग पत्र में लिखा कि मणिपुर में लोग हिंसक प्रदर्शन कर रहे हैं। जिससे मानवता शर्मसार हो रही है। मांग पत्र में यह भी लिखा कि विगत करीब 3 माह से उक्त हिंसक प्रदर्शनों के तहत विशेष तौर से महिलाओं को चिन्हित करके उनके साथ बलात्कार कर लज्जा भंग निर्वस्त्र कर करके सरेआम घूमना जैसी घटनाओं ने देश को झकझोर कर रख दिया है।
मणिपुर गुजर रहा खतरनाक दौर से
जिस घटना को लेकर प्रधानमंत्री सहित संवैधानिक पदों पर बैठे महिलाओं की जिम्मेदारी पर भी सवाल किया जा रहा है। मणिपुर के नागरिकों की जिंदगी एक खतरनाक दौर से गुजर रही है। कांग्रस आईएनसीआर कारकारणी अध्यक्ष दिनेश शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष परसाराम बुगालिया, जिला अध्यक्ष मुन्नाराम फौजी, कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष शेर खान, नागौर जिला उपाध्यक्ष माधवप्रसाद धूत, नगर अध्यक्ष सुतेन्द्र सारस्वत, ब्लॉक अध्यक्ष भवरअली खांन, नावा अध्यक्ष उदय सिंह, नगर परिषद सभापति आसिफ खान, उप सभापति हेमराज चावला जिला महासचिव ईश्वर राम सोहू, प्रदेश महिला कांग्रेस सचिव मर्दुला कोठारी ने बताया कि मणिपुर जल रहा है लेकिन केंद्र की सरकार मौन है।
प्रधानमंत्री की चुप्पी
प्रधानमंत्री की चुपी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया इस स्थिति पर नियंत्रण पाने में मणिपुर राज्य सरकार की नाकामी साफ दिखाई दे रही है। ऐसे माहौल में मणिपुर के नागरिकों की जिंदगी एक खतरनाक दौर से गुजर रही है। इसकी जिम्मेदारी लेते हुए गृह मंत्री अमित शाह को तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। मांग पत्र में लिखा है कि मणिपुर राज्य सरकार और केंद्र सरकार राज धर्म की पालना नहीं कर रही है।
महिलाओं पुरुषों के जीवन में संपत्ति की सुरक्षा हेतू कार्यवाही करने के और दोषियों को गिरफ्तार कर दंडित करने की ओर मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू किए जाने की मांग की है।