विमल पारीक @ कुचामनसिटी।
किसानों के मुताबिक खरीफ की फसल के लिए आषाढ़ माह का यह समय सबसे अच्छा है
गत वर्ष काम बारिश के चलते किसान काफी पिछड़ चुके थे इस वर्ष अच्छी बारिश होने की उम्मीद
कुचामन जिले सहित ग्रामीण क्षेत्र में हो रही प्री मानसून बारिश के बाद किसान खेतों में खरीफ फसल की बुवाई में जुट गए हैं। खरीफ की फसल बारिश पर ही निर्भर होती है। इस मौसम में ज्वार, बाजरा, मक्का, तील, गवार, मूंग-मोठ, चवला, मूंगफली, कपास आदि की फसल होती है। मानसून आने में भले ही देरी है। लेकिन जिले में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। जिसे बुआई के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। प्री-मानसून की बारिश के पश्चात किसान खेतों में जुताई व बुवाई में लगे है। इस समय बारिश होने से जिले में खेती के कार्य में तेजी आई है।
गोपालपुरा गांव का किसान परसाराम बुगालिया ने बताया कि पिछले माह तूफानी बारिश ने किसानों सहित आमजन को आफत में डाला था। लेकिन अब राहत कि बारिश हो रही है। किसान खरीफ की फसलों की तैयारी में जुट गए हैं। जिले में जगह-जगह प्री-मानसून की बारिश हो रही है। जिससे किसान काफी खुश है। किसान अपने अपने खेतों की बुवाई में जुट गए हैं। मानसून आने में भले ही देरी है लेकिन प्री-मानसून की बारिश होने से किसानों ने खेतों में खरीफ फसल की बुवाई शुरू कर दी है। खरीफ की फसल केवल बारिश पर ही निर्भर है। खरीफ फसल की बुवाई के लिए आषाढ़ माह का यह सबसे अच्छा समय होता है। इसमें बाजरा,ज्वार, मक्का, तिल, मूंग मोठ, ग्वार, मूंगफली व कपास आदि फसलें शामिल है। कपास की खेती पूर्व मे ही किसानों ने कर दी किसान परसाराम बुगालिया, हरिराम महला, भंवराराम डीलर, प्रभुराम, ओमप्रकाश बुरड़क, छिगनाराम, हनुमानाराम, रामेश्वरलाल, सौदानाराम बुगालिया सहित किसानों का कहना है कि गत वर्ष कम बारिश के चलते किसान काफी पिछड़ चुके थे। इस वर्ष अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।