पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के आह्वान पर ब्लाक के कर्मचारी हस्ताक्षर अभियान में लेंगे भाग।
गिरधारीसिंह भाटी. मौलासर। केंद्र में जमा 41000 करोड रुपए वापस लेने के लिए चलाए जा रहे हस्ताक्षर अभियान की मोलासर में शुरुआत न्यू पेंशन स्कीम एंप्लाइज फेडरेशन ऑफ राजस्थान मौलासर ब्लाक कार्यकारिणी की सोमानी विश्राम गृह में आयोजित बैठक से की गई। स्थानीय जनप्रतिनिधि जोगेंद्र बलारा (सरपंच), जोधा राम फोजी, खेता राम बलारा के द्वारा अभियान का पोस्टर विमोचन किया गया। प्रदेश सचिव सुरेन्द्र सिंह चौधरी और जेपी जांगिड़ ने बताया कि राजस्थान में पुरानी पैंशन योजना की बहाली के पश्चात केंद्र में जमा कर्मचारियों एवम राजकीय अंशदान को वापस प्राप्त करने के लिए हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत मौलासर ब्लॉक कार्यकारिणी द्वारा सचिव जीवन राम किरडोलिया की अध्यक्षता एवम स्थानीय सरपंच जोगिंद्र बलारा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित बैठक से की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि हस्ताक्षर अभियान के अंतर्गत कार्यकारिणी ग्राम पंचायत स्तर तक पहुंचेगी और कार्यरत सभी कर्मचारियों के हस्ताक्षर लिए जायेंगे। प्रदेश उपाध्यक्ष जय सिंह चाहर और बीरबल चौधरी ने बताया कि बैठक में लिए गए निर्णय अनुसार बेडवा, बेगसर, आकोदा से राजेश खिलेरी, रशीदपुरा बावड़ी से शिवदान थोरी, क्यामसर नुवा से रघुवीर खोखर , तोषीणा खरवालिया से सुरेंद्र चौधरी श्रवण सिंघारिया , मौलासर से गोपाल लोर, बांसा निमोद से दानाराम तेतरवाल, दाऊसर धनकोली से महिपाल शर्मा, डाबड़ा से रामचरण क्लस्टर वाइज सिग्नेचर अभियान चलाएंगे एवं ब्लॉक में कार्यरत सभी कर्मचारियों के बड़े बैनर के साथ साथ सिग्नेचर सीट में हस्ताक्षर लेंगे। केंद्र में पीएफआरडीए के माध्यम से एन एस डी एल के पास जमा राज्य कर्मचारियों के 41000 करोड रुपए वापस देने की मांग को लेकर पुरानी पेंशन बहाली संघर्ष समिति के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर मोलसर में आयोजित होने वाले हस्ताक्षर अभियान का शुभारंभ सरपंच जोगिंदर बलारा द्वारा ब्लाक कार्यकारिणी को बैज और स्टीकर लगाकर किया। श्री भगवान सेवदा ने बताया कि नागौर जिले में हस्ताक्षर अभियान के प्रथम चरण में मोलासर और नावा में 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए सभी कर्मचारियों के हस्ताक्षर इकट्ठा किए जाएंगे। गौरतलब है कि राज्य में गहलोत सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने के बाद भी कर्मचारियों के मासिक वेतन से काटे गए अंशदान और राजकीय अंशदान जो 41000 करोड रुपए है अभी भी केंद्र के पास जमा है जिसे देने में केंद्र सरकार आनाकानी कर रही है जो कर्मचारियों के सामाजिक सुरक्षा के अधिकार के खिलाफ है। क्योंकि पेंशन राज्य का विषय है और इसी के अंतर्गत गहलोत सरकार ने हैं पुरानी पेंशन योजना लागू की है उसके बावजूद भी केंद्र द्वारा कर्मचारियों के पैसे को लौटाने से इनकार करना दौगलेपन की नीति को दर्शाता है एवं यह कर्मचारियों के हकों के खिलाफ है।