प्रदूषण लोगों की बीमारियों का बन रहा प्रमुख कारण
गाइड लाइन की पालना नहीं करने पर भी अधिकारी नहीं करते कार्रवाई
नावां शहर। शहर के मोहनपुरा क्षेत्र में संचालित नमक रिफाइनरियों से निकलने वाले प्रदूषण से वार्डवासी व आस पास के किसान काफी परेशान है। वायुमण्डल में बढते प्रदूषण को देखते हुए जहां एक ओर प्रदूषण फैलाने वाली नमक रिफाइनरियों पर नकेल कसने में प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड व स्थानीय प्रशासन की ओर से नकेल नहीं कसी जा रही है। नमक रिफाइनरियों से निकलने वाला काला धूआं जहां लोगों को बीमारियों का शिकार बना रहा है वहीं स्थानीय प्रशासन व प्रदूषण नियन्त्रण बोर्ड भी गंभीर नजर नहीं आ रहा है। यहीं कारण है कि नमक रिफाइनरियों के संचालकों के हौंसले बुलन्द हो रहे है जिसके कारण विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन की भी पालना नहीं कर रहे है। इनकी चिमनियों से निकलने वाले धुएं के कारण सुबह छतों व खेतों की मिट्टी पर काली परत जम जाती है।
आवासीय क्षेत्र में चला रहे नमक रिफाइनरियां-
शहर के वार्ड संख्या एक व दो के पास नमक रिफाइनरियां संचालित है। जिसके कारण आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वार्डवासियों की ओर से कई बार शिकायतें करने के बावजूद प्रदूषण नियन्त्रण विभाग व स्थानीय प्रशासन की ओर से नमक रिफाइनरियों पर कार्रवाई नहीं की जाती है। शिकायतों के बाद भी नमक रिफाइनरियों पर प्रभावी कार्रवाई नहीं होने से अधिकारियों की मिलीभगत नजर आ रही है।
कोयले के साथ जला रहे लकडिय़ा भी-
नमक रिफाइनरियों के बॉयलर क्षेत्र में सरकारी गाइड लाइन के तहत कोयले का उपयोग किया जाना चाहिए। लेकिन नमक उद्यमी इसमें लकडिय़ों का भी उपयोग करते है। जिसके कारण चिमनी से राख काफी मात्रा में निकलती है। अधिकारियों की ओर से नमक रिफाइनरियों के निरीक्षण के दौरान कई बार हिदायत देने के बावजूद नमक रिफाइनरियों में लकडय़ों को जलाकर बॉयलर चलाया जाता है। यहीं कारण है कि क्षेत्र में लोगों की ओर से हरे पेड़ों को काटकर नमक रिफाइनरी संचालकों को बेचा जाता है। जिससे पर्यावरण को दोहरा नुकसान हो रहा है।