सोशल मीडिया पर प्रोफाइल फोटो बदल कर लोगों के साथ कर रहे ठगी
पन्द्रह दिनों में कई लोग हुए शिकार
अरुण जोशी. नावांशहर। नावां उपखण्ड मुख्यालय सहित आस पास के ग्रामीण क्षेत्रों में इन दिनों साइबर क्राइम की जड़े लगातार मजबूत होती जा रही है। कई दिनों से ऑनलाइन ठगी के लिए शातिर नए नए तरीके इजाद कर रहे है। अब व्हाट्स एप के जरिए ठगी की कोशिशे की जा रही है। ठग व्हाट्स एप पर किसी भी आम आदमी ही नहीं प्रतिष्ठित नागरिकों, सरकारी कर्मचारियों व व्यापारियों की प्रोफाइल फोटो लगाकर उन्हें मैसेज भेजते है तथा इमरजेन्सी बताकर रुपए देने की मांग करते है। इसी प्रकार फेसबुक पर नया अकाउंट खोलकर संबंधित लोगों की प्रोफाइल फोटो लगाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी करने की साजिश को अंजाम देने की कोशिश कर रहे है। यह लोग सोशल मीडिया के जरिए फेसबुक आईडी व व्हाट्स एप के जरिए मैसेज भेजते है तथा उक्त व्यक्ति के परिजन, दोस्त के गंभीर बीमार होने व चिकित्सालय में भर्ती होने की इमरजेंसी बताकर रुपए की डिमाण्ड करते है। ठगी का शिकार होने से पहले यदि व्यक्ति उन नम्बरों पर फोन करते है तो फोन काट देते है ओर चिकित्सालय में होने का बहाना देकर पैसे जल्द भेजने की बात कहते है। ऐसे में कई लोग इस प्रकार ठगी के शिकार हो रहे है। कुछ हद तक जिस व्यक्ति की फोटो लगाकर ठगी करने का प्रयास किया जाता है उसे जानकारी मिलते ही वह शहर के सभी ग्रुपों में जानकारी डाल देते है। लेकिन यह मैसेज वायरल होने से पहले कई बार लोग ठगी का शिकार हो जाते है। दस बीस हजार रुपए की ठगी होने के बाद लोग पुलिस में शिकायत तक दर्ज नहीं करवाते है। स्थानीय पुलिस ऐसे मामलों में साइबर क्राइम से बचने के लिए लोगों को जागरुक कर रही है। शहर में एक हार्डवेयर की दुकान के व्यापारी की फोटो लगाकर शुक्रवार को ठगी का प्रयास किया गया। उन्होंने समय रहते सोशल मीडिया पर यह जानकारी वायरल की। जिससे किसी के साथ ठगी नही हो सकीं
ऐसे करते है ठगी की वारदातें-
फेसबुक आईडी हैक कर ठगी की घटनाओं को अंजाम देने के बाद अब दिनों व्हाट्स एप पर डीपी बदलकर परिचितों को मैसेज भेजकर ऑनलाइन रुपए ट्रांसफर करने की मांग की जा रही है। विगत एक माह में क्षेत्र में ऐसे अनेक मामले सामने आ चुके है। जिनमें ठगी करने वाले लोग व्हाट्सएप पर डीपी बदलकर रुपए मांग रहे है। हालांकि लोगों की जागरुकता ओर कन्फर्मेशन के बाद ही रुपए लेनदेन की बात के चलते हुए लोग ठगी का शिकार होने से बच भी रहे है।
ऑनलाइन करें शिकायत-
थानाधिकारी धर्मेश दायमा ने बताया कि व्हाट्स एप पर ठगी को लेकर अभी तक किसी प्रकार की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई है। हालांकि ठगी के प्रयास करने की बात सामने आ रही है। इसके लिए पीडि़त १९३० पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। यदि कोई व्यक्ति ठगी होने के बाद तत्काल ही इन नम्बरों पर शिकायत दर्ज करवा देता है तो चौबीस घण्टे में रुपए वापस मिलने की संभावना रहती है। वहीं जागरुकता ओर सजगता से ऐसी ठगी से बचा जा सकता है। थानाधिकारी धर्मेश दायमा ने बताया कि कभी भी यदि रुपए मांगने के मैसेज आते है तो संबंधित व्यक्ति से एक बार बात जरुर करें।
सावधान: सोशल मीडिया बन रहा है ठगी का ठिकाना
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