
नावां न्यूज: मारोठ थाने में वकील से मारपीट और अभद्रता का मामला: राजपूत समाज के विरोध प्रदर्शन के बाद मारोठ थानाधिकारी और 2 कांस्टेबल को लाइन हाजिर कर दिया गया है। इससे पहले धरने में भाजपा नेता भंवरसिंह पलाड़ा बोले कि प्रशासन ने न्याय नहीं किया तो राजस्थान में आग लगा देंगे।


मारोठ थाने में नावां अधिवक्ता संघ के सदस्य गोपाल सिंह राठौड़ के साथ पुलिस द्वारा मारपीट और अभद्रता का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस घटना के खिलाफ राजपूत समाज का विरोध प्रदर्शन लगातार जारी है। समाज के लोगों ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है और धरना प्रदर्शन कर रहे हैं।


भाजपा नेता भंवरसिंह पलाड़ा और परबतसर के पूर्व विधायक मानसिंह किनसरिया भी इस प्रदर्शन में शामिल हुए।
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इस दौरान भंवरसिंह पलाड़ा ने कहा कि “राजपूत समाज आज भी किसी भी प्रकार से कमजोर नहीं है। हमने अधिकारियों से बात की है, हम शांत हैं, लेकिन कमजोर नहीं हैं। अगर हमें अपनी पर आए, तो राजस्थान में आग लगा देंगे। भारत के हर कोने में राजपूत समाज का व्यक्ति मौजूद है।”
भंवरसिंह पलाड़ा, सुरेंद्र सिंह कांसेडा, मानसिंह किनसरिया, मनोहर सिंह रूपपुरा, विजेंद्र सिंह भांवता, विजय सिंह पलाड़ा, अधिवक्ता गोपाल सिंह और भूपेंद्र सिंह ने एएसपी से मुलाकात कर इस मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की।

थानाधिकारी सहित दो कांस्टेबल लाइन हाजिर
वार्ता के बाद एएसपी ने कार्रवाई करते हुए मारोठ थानाधिकारी शंकरलाल सहित दो कांस्टेबलों को लाइन हाजिर कर दिया। इस फैसले के बाद समाज के लोगों ने प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक दोषियों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा। दरअसल रघुनाथ जी मंदिर के भूमि का विवाद पिछले कई सालों से चल रहा है। जिसको लेकर राजपूत समाज लामबंद हुआ है।

मारोठ पुलिस प्रशासन के समर्थन में दिया ज्ञापन
वहीं, दूसरी ओर मारोठ थाना क्षेत्र के कुछ लोगों ने पुलिस प्रशासन का समर्थन करते हुए एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। इसमें बताया गया कि 14 मार्च को पुलिस ने रघुनाथ मंदिर की जमीन से जुड़े विवाद में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए उचित कार्रवाई की थी और अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी ईमानदारी से किया।
ज्ञापन में यह भी आरोप लगाया गया कि “कुछ लोग जाति विशेष के अधिकारियों पर दबाव बनाकर जांच को प्रभावित करना चाहते हैं। इसलिए इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए किसी अन्य जाति के अधिकारी की नियुक्ति की जाए।”
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