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Kuchaman News: कुचामनसिटी. यह कुचामन है, यहां पर नहीं चलता 10 रुपए का सिक्का। बाहर से आए किसी भी शख्स को यह वाक्य चौंकाता जरूर है, लेकिन यह सच है। शहर में भारतीय मुद्रा के ही 10 रुपए के सिक्के पर अघोषित पाबंदी है। ना व्यापारी और ना ही ऑटो व ठेले वाले 10 के सिक्के लेते हैं।
एक तरह से कुचामन शहर में 10 रुपए का सिक्का चलन से पूरी तरह बाहर है। इनकार की पुख्ता वजह कोई नहीं बता पाता। पूछने पर बस एक ही जवाब मिलता है-हम क्यों ले, यहां चलता ही नही है हमसे भी कोई नहीं लेता। जानकारों की मानें तो कुचामन के बाजार व बैंकों में भी 10 रुपए के सिक्कों की कोई कीमत नहीं है।
दरअसल शहर में कुछ सालों पहले यह अफवाह फैली कि 10 रुपए का सिक्का मान्य नहीं है। कुछ नकली सिक्कों के साथ जुड़ी अफवाहों के बीच शहर में 10 का सिक्का लेने से लोग कतराने लगे। किराना व्यापारी हो या पेट्रोल पंप या फिर चाय की दुकान, 10 के सिक्के पर सब हाथ जोड़ने लगे। इसके बाद बाजार ने 10 रुपए के सिक्के से दूरिया बना ली। प्रदेश में कुछ शहर है, जहां दस के सिक्के का लेनदेन नहीं है। असल में अफवाह किसने और क्यों फैलाई, यह पता आज तक नहीं चला। ना ही भारतीय रिजर्व बैंक या प्रशासन ने अफवाह दूर करने की कोशिश की।
इनकार नहीं कर सकते
रिजर्व बैंक ने कभी भी 10 रुपए के सिक्के बंद नहीं किए। कोई कारोबारी इसे लेने से इंकार करता है और उसकी शिकायत होती है तो यह राष्ट्रीय मुद्रा का अपमान माना जाएगा। पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।
आरबीआई की गाइडलाइन
रिजर्व बैंक ने बैंकों में सिक्के जमा करने की सीमा तय नहीं की। हालांकि सिक्का अधिनियम 2011 की धारा 6 (1) के अनुसार किसी भी मूल्य वर्ग के सिक्के एक रुपए से कम नहीं होने चाहिए व कुल एक हजार रुपए तक के भुगतान के लिए वैध रहेंगे।
एक भी मामला दर्ज नहीं
शहर में करीब पांच साल से 10 रुपए के सिक्कों का लेनदेन बंद है। पुलिस में भी 10 का सिक्के नहीं लेने की कोई एफआईआर दर्ज नहीं है। प्रशासन हो या बैंक किसी ने कभी भी इस मामले में किसी कारोबारी को नोटिस तक नहीं दिया है। कोई भी व्यापारी 10 का सिक्का लेने से मना करे तो उसका वीडियो बनाकर जिला प्रशासन को भेजे। उस पर भारतीय मुद्रा का अपमान का मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। कोई भी भारतीय मुद्रा को लेने से मना नहीं कर सकता है।
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