Saturday, November 2, 2024
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गर्मियों में फिर पसीना छुड़ाएगी बिजली

कैसे सुधरेगी विद्युत व्यवस्था- नहीं बन सका जीएसएस और ना ही अण्डरग्राउण्ड हुई विद्युत लाइनें

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कुचामनसिटी. गर्मियों में एक बार फिर शहरवासियों के पसीने छूट जाऐंगे। विद्युत भार कम करने के लिए स्वीकृत नए जीएसएस के लिए निगम को बरसों बाद भी जमीन नहीं मिली है। नया जीएसएस नहीं बनने से अण्डरग्राउण्ड विद्युत लाइन डलवाने का कार्य भी लंबित पड़ा है। ऐसे में गर्मियों में विद्युत भार बढने पर इस साल भी जनता को बिजली की कटौती और बार-बार ट्रिपिंग की समस्या झेलनी पड़ेगी।
विद्युत निगम की आईपीडीएस योजना के तहत शहर की विद्युत व्यवस्था में सुधार किया जाना प्रस्तावित है। इसके लिए भले ही सरकार ने करोड़ों रुपए स्वीकृत कर दिए। लेकिन अब तक जीएसएस के लिए जमीन ही नहीं मिल रही है। जिससे विद्युत निगम की ओर से व्यवस्थाओं में सुधार नहीं हो रहा है।

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तारों का जाल हटा अंडरग्राउंट होगी केबलें-
नया जीएसएस बनाने के साथ ही निगम की ओर से शहर का विद्युत तंत्र को भी सुधारा जाएगा। जिसके तहत शहर के मुख्य बस स्टैण्ड व आस-पास में विद्युत केबलों को अंडरग्राउण्ड कराया जाएगा। जिससे तारों का जाल हट जाएगा।

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फिर नहीं होगी ट्रिपिंग की समस्या
शहर में फैले तारों के जंजाल से शहरवासी नहीं खुद के निगम के अधिकारी भी चिंतित रहते है। जिसका अंदाजा भी इस बात से लगाया जा सकता है यदि शहर में तेज हवा शुरु हो जाए या बारिश होने लगे तो इससे पहले ही विद्युत आपूर्ति बंद कर दी जाती है। जिससे कोई हादसा नहीं हो। लेकिन आईडीपीएस योजना के तहत नए ट्रांसफार्मर व फीडर की व्यवस्था किए जाने के साथ ही तारों की दूरी भी कम की जाएगी। जिससे तेज हवा और बारिश में समस्या उत्पन्न नहीं होगी।


इसलिए जरूरी है नया जीएसएस
शहर में निरन्तर मकान, व्यवसायिक कॉम्पलैक्स, शैक्षणिक संस्थाओं का निर्माण हो रहा है। ऐसे में विद्युत लोड भी दिनों दिन बढ़ रहा है। निगम के अधिकारियों की माने तो शहर के कई क्षेत्रों में वॉल्टेज की समस्या है, जिससे लोगों के घरों में एसी कूलर बमुश्किमल ही चल पाते है। यदि शीघ्र ही नया जीएसएस का निर्माण हो जाए तो शहर में वॉल्टेज की समस्या का समाधान होने के साथ ही विद्युत सप्लाई की व्यवस्था में सुधार हो सकेगा।


वर्तमान में यह है हाल-
वर्तमान में शहर का विद्युत तंत्र पूरी तरह बीमार पड़ा है। चहुंओर विद्युत तारों का जाल फैला हुआ है। एक-एक पोल पर कई विद्युत तार झूल रहे है। कहीं पोल पर तार उलझे हुए हैं तो कहीं पक्षियों ने घौंसले बना रखे हैं। कई स्थानों पर तो ट्रांसफार्मर के पोल को भी गिरने से बचाने के लिए सहारे के लिए बैसाखी की तरह नया पोल लगाया दिया गया है।


खुले ट्रांसफार्मर दे रहे दुर्घटना को न्योता
शहर में अधिकतर जगहों पर खुले में ट्रांसफार्मर पड़े हुए हैं, जो दुर्घटनाओं को खुला निमंत्रण दे रहे हैं। बरसात के समय यह स्थिति और विकट हो जाती है। इसके अलावा ट्रांसफार्मर के आसपास को कोई ताराबंदी नहीं है, जिससे कई बार मवेशी विद्युत तारों से छू जाते हैं।


कहीं बीच राह में पोल, कहीं ट्रांसफार्मर

शहर में कई स्थानों पर बीच राह में खड़े पोल परेशानी बन रहे है कहीं घरों के मुख्य द्वार पर खड़ा पोल लोगों को भयभीत कर रहा है। कई रिहायशी इलाकों में तो घर की छत से सटी हुई लाइनें गुजर रही है। जिससे घरों में ही लोग भयभीत रहते है। कई जगहों पर बीच राह ट्रांसफार्मर रख दिए गए है। हाल ही में आनन्दपुरा रोड पर मोतीरामजी की कोठी के पास दो खेतों के बीच रास्ते में ट्रांसफार्मर रखवा दिया गया है।

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