Friday, November 1, 2024
Homeशिक्षाआंखों से नहीं, स्पर्श कर पहचान रहे हैं रंग, राइट ब्रेन एजुकेशन...

आंखों से नहीं, स्पर्श कर पहचान रहे हैं रंग, राइट ब्रेन एजुकेशन का क्रेज बढ़ा

- विज्ञापन -image description

अरुण जोशी @ नावांशहर।

आंखों पर पट्टी बांध चलाई स्केटिंग और पढ़ी किताब

- विज्ञापन -image description

 अगर आप से कोई कहे कि आंख बन्द करके रंग बता दो, सूंघकर किताब पढ़ दो तो शायद आपको मजाक लगेगा, लेकिन यह सच है। राइट ब्रेन एजुकेशन नामक इस विद्या का उपयोग बच्चों के दिमाग को और विकसित करने के लिए हो रहा है।

- Advertisement -image description

शहर के शारदा बाल निकेतन उच्च माध्यमिक विद्यालय में बहरोड़ की टीम की ओर से बच्चों को इस विद्या का ज्ञान दिया गया। गौरतलब है कि इस विद्यालय में सदैव शिक्षा के साथ साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। विद्यालय में चल रहे समर केम्प में बच्चों को बहुत सी योग्यताओं में पारंगत किया जा रहा है। विद्यालय के निदेशक हरिओम प्रसाद शर्मा ने बताया कि शिविर में मास्टर ट्रेनर रैकी ग्रांड मास्टर सीमा भारद्वाज एवं सुनील भारद्वाज बच्चों को एक्सपर्ट स्केटिंग कला सिखा रहे हैं। बच्चे स्केटिंग करते हुए बहुत सी कलाबाजियां भी कर रहे हैं। छात्रा हिमानी ने आंखों पर पट्टी बाँध कर स्केटिंग की तो दर्शक दांतों तले अंगुली दबाने पर मजबूर हो गए। इतना ही नहीं हिमानी ने आंखों पर पट्टी बाँध कर स्केटिंग के साथ साथ किताब पढ़ने, रिंग घुमाने, पीछे चलते हुए स्केटिंग आदि कलाओं का प्रदर्शन कर सभी को आश्चर्यचकित कर दिया। प्रधानाचार्या कंचन शर्मा ने बताया कि समर केम्प में बच्चों को केलीग्राफी, थ्री डी पेंटिंग, मेडिटेशन, मेमोरी पावर इम्प्रूवमेंट, बंद आंखों से कलर पहचान, बुक रिडिंग, बंद आंखों से खोई हुई वस्तुओं को ढूंढने सहित बहुत सी चीजें सिखाई जाएगी। कॉर्डिनेटर रोनक शर्मा ने बताया की विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को ये सभी कलाएँ वर्ष पर्यंत सिखाई जाएगी। इस विद्या को विकसित करने का मुख्य उद्देश्य बच्चों की माइंड एजुकेशन को बढ़ावा देना है। जिससे बच्चों का मानसिक विकास होता है। रंग पहचानने सहित अन्य कार्य कर बच्चों में इस विद्या का काफी क्रेज बढ़ा है।

ऐसे पढ़ते है बच्चे– टीम की ओर से बच्चों को यह शिक्षा देने के पश्चात विद्यालय के अध्यापकों की ओर से बच्चों को इसका अभ्यास निरन्तर करवाया जाता है। विद्यालय में शिविर के दौरान बच्चों को बारी बारी से अलग अलग रंग की वस्तुएं दी। बच्चों ने इन वस्तुओं को अपने हाथ में लेकर रगड़ा और तपाक से सटीक रंग बता दिया। इसके बाद में उन्होंने बच्चे को किताब देकर पढ़ने के लिए कहा तो बच्चो ने किताब लेकर पढ़ना शुरू हो गया। इसके पश्चात बच्चों ने किताब पढ़ने सहित अन्य प्रदर्शन किया। बच्चों का पढ़ाई समय घटाना उद्देश्य इस विद्या के बारे में विद्यालय के निदेशक हरिओम प्रसाद शर्मा का कहना है कि भारतीय शिक्षा लेफ्ट माइंड पर आधारित है। इससे राइट माइंड का उपयोग नहीं के बराबर होता है।

- Advertisement -
image description
IT DEALS HUB
image description
RELATED ARTICLES
- Advertisment -image description

Most Popular

Recent Comments

error: Content is protected !!