महिलाओं के शौचालयों के लगवाए ताले, आमजन की परेशानी से पालिका ने फेरी नजर
अरुणजोशी. नावांशहर। शहर में पालिका प्रशासन की ओर से पुराने बस स्टैण्ड, मुख्य बाजार व बालिका विद्यालय चौराहे पर सार्वजनिक सुलभ शौचालय तो बना दिए गए है लेकिन शौचालयों पर ना तो पानी की व्यवस्था सुचारु रुप से की जाती है ओर ना ही सफाई की जाती है। इससे सुलभ शौचालयों की स्थिति काफी दयनीय है। पालिका प्रशासन की ओर से केवल नगरपालिका परिसर के बाहर व तहसील कार्यालय के पास के सुलभ शौचालय व्यवस्थित रुप से चलाए जा रहे है बाकि सभी की स्थिति खराब है। पालिका प्रशासन एक ओर स्वच्छता का झण्डा ऊंचकर चल रहा है वहीं दूसरी ओर शहर के शौचालयों की स्थिति देखकर स्वच्छता कहीं नजर ही नहीं आती है। लोगों का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण शुरु होने के दौरान पालिका की ओर से सडक़ों की धुलाई तक करवा दी जाती है ओर नियमित शहर की शौचालयों की धुलाई हुए महिनों बीत जाते है। इससे लगता है पालिका को केवल रैंकिंग की चिंता है धरातल पर सफाई व्यवस्था सुधार करवाने की आवश्यकता नहीं है।
व्यापारी हो रहे परेशान-
शहर के मुख्य बाजार, पुराने बस स्टैण्ड व बालिका विद्यालय चौराहे पर बने सुलभ शौचालयों के आस पास के व्यापारी दुर्गन्ध से काफी परेशान हो रहे है। महिनों तक सफाई नहीं होने के कारण शौचालयों से दुर्गन्ध आती है जिससे बाजार में संचालित हो रही दुकानों पर ग्राहक आना भी पसन्द नहीं करते है। दुकानों के साथ साथ आस पास से गुजरने वाले राहगीरों को भी नाक बन्द करके निकलना पड़ता है। सफाई व्यवस्था नहीं होने के कारण बाजार व पुराने बस स्टैण्ड के लोग अब भी गलियों व नालियों में ही पेशाब करते नजर आते है।
महिला शौचालयों के लगवाए ताले–
शहर के पुराने बस स्टैण्ड पर पालिका की ओर से महिला शौचालयों के ताले लगवाए गए है। जिससे लगता है पालिका की ओर से महिला शौचालयों में कोई खजाना रखा गया है। पुराने बस स्टैण्ड पर एक महिला शौचालय के ताला लगाया गया है वहीं दूसरे शौचालय में इतनी गन्दगी है कि महिलाएं अन्दर तक नहीं जा सकती है। ऐसे में बाजार खरीददारी करने आई महिलाओं को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
टंकियां है लेकिन पानी नहीं–
तीन सुलभ शौचालयों पर पालिका की ओर से पानी व्यवस्था हेतु टंकियां तो रखी गई है लेकिन किसी भी शोचालय की टंकी में पानी नहीं है। इससे लोगों को बिना हाथ धोए वापस जाना पड़ता है। यदि कोई महिला शौचालय का प्रयोग भी करती है तो पानी की व्यवस्था नहीं होने से परेशान ही होना पड़ता है। इस लापरवाही के चलते शौचालयों में गन्दगी पड़ी रहती है। महिनों बीत जाते है लेकिन पालिका की ओर से टंकियां नहीं भरवाई जाती है।
जवाब देने से कतरा रहे अधिकारी –
शहर की इस समस्या को लेकर जब अधिशाषी अधिकारी से बात करने के लिए फोन किया गया तो ईओ शिंकेश कांकरिया ने फोन उठाना मुनासिब नहीं समझा। जिससे प्रतीत होता है की अधिकारी समस्या का समाधान करने के बजाय नजर फेर रहे है।