कुचामन सिटी के अड़कसर के पास स्थित ग्राम सांगलिया में स्वामी ओमदास महाराज के परम सान्निध्य में गुरु पूर्णिमा के अवसर पर भव्य भजन-सत्संग का विशाल कार्यक्रम आयोजित होगा।

अखिल भारतीय सांगलिया धूणी के पीठाधीश्वर स्वामी ओमदास महाराज के शिष्य गिरधारी महला ने बताया कि सांगलिया धाम में गुरु पूर्णिमा पर देश-प्रदेश से हजारों श्रद्धालु आते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही गुरु-शिष्य परंपरा का प्रतीक है, जो सनातन संस्कृति और धर्म को आगे बढ़ाने तथा सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है।


गुरु पूर्णिमा, महर्षि वेदव्यास के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। वे महापुरुष जिन्होंने वेदों, पुराणों और महाभारत जैसे महान ग्रंथों की रचना की। यह दिन सनातन धर्म में ज्ञान और शिक्षा के प्रसार में उनके योगदान को स्मरण करने का अवसर होता है।
गुरु-शिष्य परंपरा – भारतीय संस्कृति में गुरु-शिष्य परंपरा एक अभिन्न हिस्सा है, जिसमें गुरु अपने शिष्यों को न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि उन्हें जीवन के सही मार्ग पर चलने की प्रेरणा भी देते हैं।

कार्यक्रम का आयोजन कल दिन और रात्रि में किया जाएगा, जिसमें भक्तजन धूणी माता और गुरुदेव स्वामी ओमदास जी महाराज सांगलिया का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे तथा अमन, चैन और शांति की कामना करेंगे। इस पावन अवसर पर देशभर से हजारों श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल होंगे।
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