कुचामन सिटी। पूरे प्रदेशभर में हरियाली तीज का पर्व धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसी क्रम में कुचामनसिटी में तीज की सवारी कुचामन फोर्ट से राजसी ठाठ-बाट के साथ निकाली गई।

हरियाली तीज की यह परंपरा कुचामन में प्राचीन काल से चली आ रही है। शहर की पुरानी धान मंडी में मेले का आयोजन भी किया गया।


शहर की श्रीसेवा समिति संस्था के मंत्री सुशील काबरा ने बताया कि तीज की सवारी राजा-महाराजाओं के समय से ही कुचामन गढ़ से श्रीसेवा समिति के तत्वावधान में निकाली जा रही है, जो परंपरा आज भी कायम है।
श्रृंगार पर्व सावन की हरियाली तीज का मेला रविवार को भरा। शाम को कुचामन फोर्ट से बैंड-बाजों के साथ पारंपरिक तीज की सवारी निकाली गई। यह शोभायात्रा सदर बाजार, पलटन गेट, गोल प्याऊ, बस स्टैंड, अम्बेडकर सर्किल, आथूणा दरवाजा होते हुए पुनः कुचामन फोर्ट पहुंचकर विसर्जित हुई।

इस दौरान बैंड की स्वर लहरियों के बीच ऊंटों और घोड़ों का नृत्य आकर्षण का केंद्र रहा।
सुशील काबरा ने बताया कि कुचामन में हरियाली तीज का त्यौहार बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस दिन तीज माता की शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसमें ऊंट और घोड़े भी शामिल होते हैं। यह सवारी कुचामन फोर्ट से शुरू होकर पूरे शहर में घूमती है, जिससे नगरभर में रौनक छा जाती है। हरियाली तीज, जो भगवान शिव और देवी पार्वती के पुनर्मिलन का प्रतीक मानी जाती है, कुचामन में राजा-महाराजाओं के काल से चली आ रही परंपरा है।
इस मौके पर अध्यक्ष उमेश सर्राफ, कुंज बिहारी जोशी, राधेश्याम झवर, अशोक मोर, अलका जोशी, ज्योति मोर, सुनील सोनी, श्याम सुंदर मंत्री, सोहन सिंह, नन्दजी मोर, पूर्व पार्षद सुशीला जोशी, बालकिशन खंडेलवाल, विमल पारीक, अशोक गंगवाल, राजू पाराशर, मोनू व्यास, मनीष डौसी आदि उपस्थित रहे।
तीज से एक दिन पूर्व सिंजारा पर्व :
बरखा रानी पाटनी ने बताया कि तीज से एक दिन पहले सिंजारा पर्व मनाया जाता है। इस दिन सुहागनें विशेष पूजन करती हैं। वे हाथों में मेहंदी लगाकर तीज के लिए तैयार होती हैं। तीज के दिन विशेष मिठाई घेवर बनाए जाते हैं। नवविवाहिताएं तीज माता की विशेष पूजा करती हैं, जिनमें सुहागनें उनका साथ देती हैं।