कुचामन सिटी. राजकीय जिला अस्पताल कुचामन सिटी में सोमवार सुबह 10 बजे उस समय गंभीर स्थिति बनी जब ओपीडी में तैनात कई डॉक्टर निर्धारित समय के बावजूद अपने कक्षों में नहीं पहुंचे।

मरीजों की लंबी कतारें सुबह से ही लगी हुई थीं। कोई अपनी पत्नी को लेकर आया था, कोई बुजुर्ग माता-पिता को, लेकिन डॉक्टरों के इंतजार में सभी को घंटों खड़ा रहना पड़ा।



गौरतलब है कि अस्पताल में ओपीडी का समय प्रातः 8:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे तक तय है। कुछ डॉक्टर समय पर पहुंचकर मरीजों को राहत दे रहे थे, लेकिन कुछ डॉक्टर ऐसे भी रहे जो 10 बजे तक भी ओपीडी में नहीं पहुंचे।
पड़ताल में सामने आया कि कुल 5 डॉक्टर 10 बजे के बाद भी अपने केबिन में मौजूद नहीं थे, जबकि उनके इंतजार में लगभग 30 से अधिक मरीज लाइन में खड़े थे। ये डॉक्टर न तो छुट्टी पर थे और न ही किसी बैठक में व्यस्त, इसके बावजूद समय पर नहीं पहुंचे। इससे यह स्पष्ट होता है कि कुछ डॉक्टर अपने कर्तव्यों को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और मरीजों की परेशानी की अनदेखी कर रहे हैं।

अनुपस्थित डॉक्टरों के नाम:
- डॉ. चेनाराम – वरिष्ठ विशेषज्ञ, जनरल मेडिसिन
- डॉ. रामनिवास बिजारणिया – कनिष्ठ विशेषज्ञ, जनरल मेडिसिन
- डॉ. राजेन्द्र खीचड़
- डॉ. कैलाश शर्मा – कनिष्ठ विशेषज्ञ, पैथोलॉजी
- डॉ. हजारीलाल सैनी – फिजियोथेरेपिस्ट, MPT (Ortho)
इन सभी डॉक्टरों के नाम सामने आए हैं जो तय समय के बाद भी ओपीडी में उपस्थित नहीं थे।
जब मरीजों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि “डॉक्टर साहब आते ही होंगे, शिकायत कर भी दें तो क्या होगा?”
इससे साफ है कि आमजन शिकायत की बजाय इलाज की मजबूरी में चुप रह जाते हैं।
खाली केबिन… इंतजार में बीमार लोग
वहीं, बच्चों के वार्ड में सभी डॉक्टर समय पर उपस्थित मिले और इलाज सुचारू रूप से चल रहा था। साथ ही अस्पताल की सफाई व्यवस्था भी संतोषजनक पाई गई।
अब देखने वाली बात यह है कि तय समय के बावजूद गैरहाजिर रहने वाले इन डॉक्टरों पर पीएमओ द्वारा क्या कार्रवाई की जाएगी?

Good work