कुचामन सिटी स्थित ग्राम रूपपुरा आज सामाजिक समरसता और एकता का साक्षी बना, जब यहां राजपूत समाज के अगुवाई में दलित समाज के दूल्हे की बिंदोरी निकाली गई।

यह ऐतिहासिक अवसर न केवल सामाजिक सौहार्द का प्रतीक रहा, बल्कि जातिगत भेदभाव को मिटाने की दिशा में एक मजबूत पहल के रूप में सामने आया।


कुचामन से मनोज मेघवाल की बारात जब रूपपुरा पहुंची, तो गांव में बिंदोरी का आयोजन किया गया। इस बिंदोरी को खास बनाने की जिम्मेदारी निभाई भाजपा जिला उपाध्यक्ष सुरेंद्र सिंह कांसेड़ा, भाजपा किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष श्यामप्रताप सिंह रुंवा, सांगलपति पीठाधीश्वर श्री ओमदास जी महाराज के सेवक प्रमोद आर्य, जोगेंद्र सिंह रूपपुरा, मनोहर सिंह रूपपुरा, भाजपा कुचामन शहर मंडल महामंत्री जसराज खुड़ीवाल और चैनसुख ने। इन सभी ने मिलकर दूल्हे को घोड़ी पर बैठाकर पूरे गांव में शोभायात्रा निकाली और सामाजिक एकता का संदेश दिया।
यह आयोजन केवल एक पारंपरिक रस्म तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह बदलते सामाजिक सोच और सामूहिक चेतना का प्रमाण भी बना। डेढ़ वर्ष पूर्व कुचामन में आयोजित “जन चेतना संदेश समारोह” में सांगलिया धूनी के पीठाधीश्वर ओमदास महाराज की प्रेरणा से सुरेंद्र सिंह कांसेड़ा ने वादा किया था कि वे डीडवाना-कुचामन जिले में किसी भी दलित दूल्हे की बिंदोरी में घोड़ी उपलब्ध करवाएंगे। आज उस संकल्प की सजीव मिसाल रूपपुरा में देखने को मिली।

इस मौके पर सुरेंद्र सिंह कांसेड़ा ने कहा, “यह पहल न केवल गांव के लिए एक प्रेरणा है, बल्कि समस्त हिंदू समाज को सामाजिक समरसता की ओर अग्रसर करने वाला संदेश भी है।”
बिंदोरी में रूपपुरा गांव के राजपूत समाज के अनेक गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए। साथ ही किशन गुर्जर, गौतम चंदेलिया और अविनाश राजौरिया जैसे प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति ने आयोजन को और भी प्रेरणादायक बना दिया।
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