कुचामन सिटी में भ्रूण लिंग जांच का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया है। यह कार्रवाई राज्य पीसीपीएनडीटी टीम ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) की एमडी डॉ. भारती दीक्षित के निर्देशन में की।

डिकॉय ऑपरेशन के जरिए यह खुलासा हुआ कि शहर के बीचोबीच स्थित एक अल्ट्रासाउंड सेंटर में लंबे समय से भ्रूण लिंग जांच का अवैध खेल चल रहा था। इस गोरखधंधे में न केवल दलाल सक्रिय थे, बल्कि डॉक्टर की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है।


राज्य पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ की विशेष टीम ने पीबीआई थाना के एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ के नेतृत्व में कुचामन सिटी में एक डिकॉय ऑपरेशन चलाया। ऑपरेशन के तहत एक नकली ग्राहक भेजा गया, जिससे भ्रूण लिंग जांच के बदले 70 हजार रुपये की मांग की गई।
यह पूरा खेल मंगलम अल्ट्रासाउंड लैब नामक सेंटर पर चल रहा था, जिसे डॉ. बी.आर. बांता (MBBS, सोनोलॉजिस्ट) संचालित कर रहे हैं।

जांच में पाया गया कि बिना एफ-फॉर्म भरे अल्ट्रासाउंड किया गया, जो पीसीपीएनडीटी अधिनियम का घोर उल्लंघन है।

इस लापरवाही और गैरकानूनी जांच के आधार पर टीम ने मौके से दलाल सुखाराम को गिरफ्तार किया और अल्ट्रासाउंड मशीन को जब्त कर लिया गया। डॉक्टर की भूमिका की जांच की जा रही है, और उस पर कार्रवाई की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है।
यह पिछले एक पखवाड़े में तीसरा बड़ा डिकॉय ऑपरेशन है, जिसे एएसपी डॉ. हेमंत जाखड़ के नेतृत्व में सफलतापूर्वक अंजाम दिया गया। इससे यह स्पष्ट हो गया है कि कुचामन सिटी जैसे छोटे शहरों में भी भ्रूण लिंग जांच का यह अमानवीय और अवैध व्यापार जड़ें जमा चुका था।
इस ऑपरेशन की सफलता में मुखबिर योजना की अहम भूमिका रही, जिसके अंतर्गत सूचना देने वाले को राज्य सरकार की ओर से तीन लाख रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।
राज्य सरकार का स्पष्ट उद्देश्य है – “बेटियों को बचाना और कन्या भ्रूण हत्या पर सख्त लगाम लगाना।” इस दिशा में लगातार कार्रवाई की जा रही है और आने वाले समय में ऐसे रैकेटों पर और कठोर प्रहार की तैयारी है।
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