कुचामन सिटी. राजस्थान सरकार प्रदेश के पशु चिकित्सालयों व पशु विज्ञान केंद्रों में पशुओं के लिए सम्पूर्ण चिकित्सा उपलब्ध करवाने के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च कर विभिन्न योजनाएं अमल में ला रही है।

वहीं दूसरी तरफ कुचामन उपखंड क्षेत्र की ग्राम पंचायत दीपपुरा में स्थित कड़वो की ढ़ाणी गोपालपुरा के राजकीय पशु चिकित्सालय में पशु चिकित्सा के नाम पर क्षेत्र के पशुपालकों को निराश होना पड़ रहा है।


यह पशु अस्पताल एक कंपाउंडर के भरोसे चल रहा है। कई महीने पहले यहां कार्यरत पशु चिकित्सक डॉ. मुकेश कुमार बिलोनिया को कुचामन में प्रतिनियुक्ति (डेपुटेशन) पर लगा दिया गया। डॉक्टर के नहीं होने से गोपालपुरा, दीपपुरा, सुजानपुरा सहित दर्जनों ढ़ाणियों के पशुपालक इलाज के लिए इधर-उधर भटक रहे हैं।
जानकारी के अनुसार लंबे अरसे बाद अस्पताल में डॉक्टर की नियुक्ति हुई थी, लेकिन कुछ माह पहले ही डॉ. बिलोनिया को कुचामन में डेपुट किया गया। वर्तमान में क्षेत्र के पशुपालक बीमार पशुओं के इलाज के लिए परेशान हैं।

इसको लेकर सामाजिक कार्यकर्ता भगतसिंह यूथ ब्रिगेड के प्रदेशाध्यक्ष एवं विश्व जाट महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष परसाराम बुगालिया ने डॉ. मुकेश कुमार बिलोनिया की प्रतिनियुक्ति रद्द कर गोपालपुरा के राजकीय पशु चिकित्सालय में स्थायी रूप से डॉक्टर की नियुक्ति की मांग को लेकर कुचामन उपनिदेशक डॉ. राजेन्द्र प्रसाद के नाम ज्ञापन सौंपा।
उन्होंने बताया कि चिकित्सक ड्यूटी नहीं देकर प्रतिनियुक्ति करवा चुका है और अस्पताल कंपाउंडर मनोज कुमार के भरोसे चल रहा है। डॉक्टर की अनुपस्थिति में इलाज के अभाव में बीमार पशु दम तोड़ रहे हैं।
प्रतिनियुक्ति रद्द करने की मांग
परसाराम बुगालिया ने विभाग के उच्च अधिकारियों को पत्र लिखकर चिकित्सक की प्रतिनियुक्ति रद्द करने की मांग की है और चेतावनी दी है कि जल्द ही डॉक्टर की नियुक्ति नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा।
सरकारी योजनाओं और टीकाकरण से वंचित
अस्पताल में डॉक्टर नहीं होने से पशुपालक समय-समय पर होने वाले टीकाकरण और सरकारी योजनाओं से वंचित हो रहे हैं। समय पर टीकाकरण नहीं होने से पशु बीमार हो रहे हैं।
डॉक्टर की अनुपस्थिति के कारण गांवों में निजी प्रैक्टिस करने वाले कंपाउंडरों से इलाज करवाना पड़ रहा है, जिससे कई बार पशु गंभीर रूप से बीमार होकर बचाए नहीं जा पाते।
विभाग के उच्चाधिकारियों ने डॉ. मुकेश कुमार बिलोनिया को कुचामन में डेपुटेशन पर लगा रखा है। पशुपालकों की समस्या से उन्हें अवगत करा दिया गया है।
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