
नागौर न्यूज: राजस्थान में वर्ष 2021 की पुलिस सब-इंस्पेक्टर (SI) भर्ती घोटाले के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए शुक्रवार को राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (RLP) के प्रमुख और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल को पुलिस ने हिरासत में ले लिया।

उनके साथ लगभग 50 प्रदर्शनकारियों को भी हिरासत में लिया गया। यह कार्रवाई उस वक्त हुई जब बेनीवाल मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच कर रहे थे।


RLP ने 26 अप्रैल से जयपुर के शहीद स्मारक पर SI भर्ती रद्द करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था।
बेनीवाल का कहना है कि विशेष कार्य बल (SOG) ने खुद पेपर लीक की पुष्टि की है और मंत्रिमंडलीय उप-समिति ने भी भर्ती को रद्द करने की सिफारिश की थी। फिर भी सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। उन्होंने राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) को भंग करने और पूरे मामले की CBI जांच कराने की मांग की।
2 मई को दिया गया आह्वान
शुक्रवार, 2 मई को हनुमान बेनीवाल धरना स्थल पर पहुंचे और कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच करने का आह्वान किया। उनकी अगुवाई में बड़ी संख्या में युवा और पार्टी समर्थक कमिश्नरेट की ओर बढ़े। इस दौरान पुलिस ने इलाके में पहले से ही दोहरी बैरिकेडिंग लगा रखी थी और भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया था।
पुलिस ने मार्च को रोकते हुए हनुमान बेनीवाल और अन्य प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया। सभी को अलग-अलग थानों में भेजा गया।
SOG दस्तावेज से हुआ बड़ा खुलासा
1 मई को बेनीवाल ने धरना स्थल पर मौजूद मीडिया के सामने SOG की जांच से जुड़े दस्तावेज पेश किए। इनमें संतोष नामक अधिकारी के बयान का हवाला था, जिसमें उसने स्वीकार किया कि उसे भाजपा सरकार में मंत्री के.के. बिश्नोई की ओर से छह लाख रुपये की रिश्वत मिली थी। यह रकम डमी उम्मीदवार ‘छम्मी’ के जरिए परीक्षा दिलाने के लिए खर्च की गई। बेनीवाल ने इसे मंत्री की संलिप्तता का पुख्ता प्रमाण बताया और CBI जांच की मांग दोहराई।
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