
- परीक्षा पर्व 7.0 में राजस्थान से एकमात्र एक्सपर्ट का हुआ चयन
- दूरदर्शन के लाइव सेशन में परीक्षार्थियों, अभिभावकों को दिया मोटिवेशन
डीडवाना न्यूज: शहर के भाटीबास स्थित महाकाली अखाड़ा मंदिर के पुजारी सोहनलाल नाथ योगी ने कहा कि सम्पूर्ण जीवन ही परीक्षामय है, इसलिए किसी एक परीक्षा को लेकर भयभीत होना उचित नहीं है।

नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स के तहत दूरदर्शन के लाइव सेशन में डीडवाना निवासी योगी ने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों को बराबर जिम्मेदारी उठाने के लिए प्रेरित किया।


उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बच्चों के समक्ष परीक्षा का वक्त होगा। इस दौरान उत्पन्न तनाव से उन्हें मुक्त करना हम सबकी जिम्मेदारी होगी। इसके लिए शिक्षक व अभिभावक दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने पहनावे से महान नहीं होता है, अपितु व्यक्ति की सोच, चरित्र व योग्यता ही उसे महान बनाती है।

मोटिवेशन एक्सपर्ट व सेवानिवृत्त अधिकारी सोहनलाल नाथ योगी ने कहा कि बच्चों के अंदर यह आत्मविश्वास पैदा करना होगा कि वे बेहतर कर सकते हैं। उन्हें केवल विद्यार्थी के रूप में नहीं बल्कि पुत्र के रूप में समझाना होगा।
उनके मन में उत्पन्न होने वाली हर समस्या का समाधान करना होगा। तभी बच्चे सफल हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि अभिभावकों को अपने बच्चे की तुलना दूसरे बच्चों से नहीं करनी चाहिए बल्कि उनकी अच्छाई की सराहना करनी चाहिए। हो सकता है कोई बच्चा किसी विषय में अधिक नंबर लाए और कोई दूसरे विषय में। इसका मतलब यह कतई नहीं है कि बच्चे बेहतर परिणाम नहीं दे सकते।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद परीक्षा पर्व की मॉनिटरिंग करते हैं। इसमें प्रदेश से पहले और एकमात्र एक्सपर्ट के रूप में डीडवाना निवासी सोहनलाल नाथ योगी को चुना गया था।
दूरदर्शन की एंकर गरिमा सरदाना के साथ करीब 1 घंटे के लाइव सेशन में उन्होंने विद्यार्थियों, अभिभावकों और शिक्षकों के प्रश्नों के सटीक उत्तर देकर मार्गदर्शन किया। वहीं उन्होंने धर्म, अध्यात्म, ध्यान-योग और हमारी मान्यताओं-संस्कारों को विज्ञान की दृष्टि से समझाया और पढ़ाई व परीक्षा से संबंधित उलझनों को सुलझाया।
क्या है परीक्षा पर्व 7.0
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर पिछले कुछ वर्षों से परीक्षा पर चर्चा कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य है कि परीक्षार्थी घबराएं नहीं, बल्कि एग्जाम वॉरियर की तरह मुकाबला करें। इस विषय पर पीएम मोदी की एग्जाम वॉरियर नामक किताब भी आ चुकी है।
इसकी थीम को आगे बढ़ाने के लिए नेशनल कमिशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाइल्ड राइट्स की ओर से विशेषज्ञों को लाइव सेशन में आमंत्रित किया जाता है। वहीं आयोग के निर्देशन पर दिल्ली से जिला स्तर तक प्रशासन द्वारा स्कूलों में परीक्षा पर्व का आयोजन किया जा रहा है।
कारगर है 3-6-9 का फार्मूला
उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि जीवन में 3-6-9 का फार्मूला अपनाएं।
सुबह 3 बार, दोपहर में 6 बार और रात में 9 बार “मैं जरूर सफल हो जाऊंगा” का प्रतिदिन मन ही मन स्मरण करें। यह सकारात्मक सोच विकसित करने वाला कारगर तरीका है, जिसकी ताकत पश्चिम के मनोवैज्ञानिक और मोटिवेशनल विशेषज्ञ भी पहचान चुके हैं।
विद्यार्थियों के लिए सफलता के 7 सूत्र
- अस्त-व्यस्त न रह सिटिंग अरेंजमेंट प्रॉपर हो।
- रैंडम पढ़ाई की बजाय पहले प्लानिंग बनाएं उस हिसाब से पढ़ें।
- मंथली बैलेंस शीट बनाएं नियमित खुद ऑडिट करें।
- कागज पर अपनी मिस्टेक्स लिखें देखते-देखते आपकी कमजोरियाँ कम होती जाएंगी।
- अपने इष्ट देवता का नियमित स्मरण करें जप-ध्यान में नियमितता रखें।
- शास्त्रीय संगीत की रागों-बंदिशों को सुनें, स्ट्रेस दूर होगा, नींद अच्छी आएगी।
- ‘काक चेष्टा बको ध्यानम्’ के श्लोक को जीवन में आत्मसात करें।
पेरेंट्स और शिक्षकों के लिए ये दिए सुझाव
- ‘किंग ऑफ द वर्ल्ड’ की तरह करें बच्चों का पालन।
- बच्चों को लेकर बाहर घूमें, बगीचे में पेड़-पौधों, पक्षियों के बीच ले जाएं।
- अपनी व्यस्तता के बावजूद समय निकालें नियमित रूप से बच्चे से संवाद करें। कमजोरियों पर सलाह और उपलब्धियों की सराहना करें।
- कंप्यूटर, लैपटॉप, मोबाइल जरूरत बन चुके हैं पर स्क्रीन टाइम का ध्यान रखें।
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