
मौलासर न्यूज: जिला डीडवाना-कुचामन की पुलिस ने रजत सोनी अपहरण प्रकरण में त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

वहीं एक विधि से संघर्षरत बालक को भी डिटेन किया गया है।


पुलिस की मुस्तैदी तकनीकी संसाधनों के कुशल उपयोग और टीमवर्क के चलते अपहृत युवक रजत सोनी को केवल पांच घंटे में सकुशल बरामद कर लिया गया।
इस कार्रवाई में पुलिस अधीक्षक हनुमान प्रसाद (आईपीएस) के नेतृत्व एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा (आरपीएस) तथा वृताधिकारी धरम पूनियां (आरपीएस) की निगरानी में थाना मौलासर की टीम ने उल्लेखनीय भूमिका निभाई।
5 अप्रैल 2025 को कैलाश चंद सोनी निवासी ग्राम सुदरासन ने मौलासर थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई कि दिनांक 4 अप्रैल को उनका 21 वर्षीय पुत्र रजत सोनी शाम करीब 7:30 बजे अपनी दुकान से घर लौट रहा था। रास्ते में मोहनराम मेघवाल के घर के पास एक सफेद रंग की आई-20 गाड़ी में बैठे पांच व्यक्तियों ने उसे जबरन गाड़ी में डालकर अपहरण कर लिया।
रात 10:27 बजे रजत के मोबाइल से वाट्सएप वॉयस कॉल के जरिए परिजनों से फिरौती के रूप में दस लाख रुपये की मांग की गई। डर के कारण पीड़ित पिता ने तत्काल 50 हजार रुपये फोन-पे के माध्यम से आरोपियों को ट्रांसफर भी कर दिए। अपहरणकर्ताओं में से एक आरोपी विजयपाल सिंह, जो उसी गांव सुदरासन का निवासी है, को पीड़ित परिवार पहचानता था।
पुलिस ने रिपोर्ट के आधार पर प्रकरण पंजीबद्ध किया तथा त्वरित अनुसंधान प्रारंभ किया।
पुलिस की कार्रवाई
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एक विशेष टीम गठित की गई जिसने बेहतरीन फील्ड इंटेलिजेंस, तकनीकी निगरानी और लगातार प्रयासों के बलबूते पर महज पांच घंटे में अपहृत युवक को सकुशल दस्तयाब कर लिया।
टीम ने घटना में संलिप्त पांच अपहरणकर्ताओं और दो रैकी करने वालों की पहचान की, जिनमें से तीन मुख्य आरोपी और एक नाबालिग रैकी करने वाले को पकड़ा गया है। शेष आरोपियों की तलाश अभी जारी है।
गिरफ्तार आरोपी
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में आर्यन पारीक (19) पिता अरुण पारीक निवासी सीकर, महेन्द्र सिंह (22) पिता मूल सिंह निवासी मगरासी (लोसल) तथा मनीष कुमार मेघवाल (20) पिता प्रभु राम निवासी ग्राम (सुदरासन) मौलासर शामिल हैं। वहीं, एक नाबालिग को भी इस मामले में पकड़ा गया।
कार्रवाई में शामिल टीम सदस्य
इस कार्रवाई में थानाधिकारी- जितेन्द्र सिंह, हैड कांस्टेबल- शम्भुसिंह, कांस्टेबल- राजेश कुमार, रमेश सारण, सुनील बेडा, हंसराज, विजेन्द्र सिंह, दिनेश कुमार, धनेश कुमार, मुकेश, राहुल चौधरी, सुरेन्द्र सिंह, रिछपाल, सुशील, पवन, सलीम, आत्माराम शामिल रहे। विशेष रूप से सुरेन्द्र सिंह का इस मामले के खुलासे में उल्लेखनीय योगदान रहा।
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