
कुचामन न्यूज: शहर में होलिका दहन को लेकर जबरदस्त तैयारियां की जा रही हैं। हर मोहल्ले, सोसायटी और कॉलोनी में लोग एकजुट होकर परंपरागत रीति-रिवाज से होलिका दहन करेंगे।

इस बार भद्रा का साया सुबह 10:35 बजे से रात 11:26 बजे तक रहने वाला है, जिसके कारण होलिका दहन का शुभ मुहूर्त रात 11:27 बजे से मध्यरात्रि 12:30 बजे तक रहेगा।


भद्रा के कारण देर रात होगा होलिका दहन
हिंदू शास्त्रों के अनुसार, होलिका दहन कभी भी भद्रा काल में नहीं किया जाता क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है। इस वर्ष 13 मार्च को भद्रा सुबह 10:35 बजे से रात 11:26 बजे तक रहेगी। भद्रा की पूंछ शाम 6:57 बजे से रात 8:14 बजे तक होगी, जबकि भद्रा का मुख रात 8:14 बजे से 10:22 बजे तक रहेगा। इस दिन चंद्रमा सिंह राशि में संचार करेगा, जिसके कारण भद्रा का साया मृत्यु लोक में रहेगा।
शास्त्रों के अनुसार, जब भद्रा मृत्यु लोक में होती है, तो इसे अत्यंत हानिकारक माना जाता है। इस कारण इस वर्ष होलिका दहन देर रात में किया जाएगा, ताकि किसी प्रकार की अनहोनी न हो और शुभ फल प्राप्त हो।
होलिका पूजन का शुभ समय
होलिका पूजन के लिए सुबह 10:35 बजे से दोपहर 1:29 बजे तक का समय शुभ रहेगा। राहुकाल दोपहर 1:30 बजे से 3:00 बजे तक रहेगा, इसलिए इस अवधि में पूजन करना अशुभ माना जाता है।
कुचामन सिटी में सैकड़ों स्थानों पर होंगी होलिकाएं
शहर में विभिन्न स्थानों पर बड़ी-बड़ी होलिकाएं तैयार की जा रही हैं। मोहल्लों में ढोल-नगाड़ों के साथ होलिका पूजन और दहन किया जाएगा। पारंपरिक रूप से गोबर के उपले, हल्दी, काले तिल, गेहूं की नई बालियां और उबटन होलिका में अर्पित किए जाएंगे।
बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व
होलिका दहन का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन विधिपूर्वक होलिका दहन करने से सारी परेशानियां अग्नि में जलकर नष्ट हो जाती हैं और परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
होलिका दहन के बाद श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया जाएगा, जिसमें गुजिया, नारियल, मिश्री और अन्य पारंपरिक मिठाइयां बांटी जाएंगी। शहरवासी इस पर्व को धूमधाम से मनाने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
कुचामन के हॉस्टल में 10वीं कक्षा की छात्रा ने की आत्महत्या
डीडवाना न्यूज: मामूली कहासुनी के बाद मां-बेटे पर एसिड अटैक
कुचामन न्यूज: आकाश इंस्टीट्यूट ने कुचामन में नए केंद्र का किया शुभारंभ